इंडिया रिपोर्टर लाइव
जम्मू कश्मीर 31 दिसंबर 2021। वर्ष 2021 में सुरक्षा एजेंसियों के लिए ड्रोन और टारगेट कीलिंग बड़ी चुनौती रहे। यह चुनौती नए वर्ष में भी जारी रहेगी, क्योंकि पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियां चलाने के लिए इसे प्रमुख हथियार बना लिया है। देश में पहला ड्रोन हमला जम्मू के वायुसेना स्टेशन पर किया गया। ऐसे में अब नए साल में सुरक्षा एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती ड्रोन गतिविधियों पर अंकुश लगाना है। इसके अलावा हाइब्रिड आतंकियों के जरिए कश्मीर में गैर कश्मीरी, कश्मीरी पंडितों और पुलिस कर्मियों को निशाना बनाया गया। केंद्रीय गृह मंत्रालय भी इसे लेकर चिंतित है। इन पर अंकुश लगाना बहुत आवश्यक है, क्योंकि ऐसी जगहों से ड्रोन के जरिए हथियार, गोला बारूद और ड्रग्स भेजी जा रही है, जिन जगहों पर नजर रखना काफी कठिन है। वहीं टारगेट कीलिंग को लेकर भी सभी एजेंसियों को मिलकर काम करने के लिए कहा गया है। मौजूदा वर्ष में 60 से ज्यादा बार ड्रोन गतिविधियां हुई हैं। इनमें सुरक्षाबलों को 40 से अधिक गतिविधियों का पता चला है। सुरक्षाबलों ने ड्रोन से गिराए गए 30 से अधिक हथियार बरामद किए हैं। इनमें पिस्टल की संख्या ही 20 के करीब है। इसके अलावा एके 47, एके 56 और कारबाइन जैसे हथियार भी बरामद किए गए। ड्रोन से गिराई गई ड्रग्स की खेप भी बरामद की गई है। करीब 20 बार ड्रोन से ड्रग्स गिराई गई है। ड्रोन के जरिए आईईडी भी भेजी गई। आईईडी भेजने के भी चार से पांच मामले हैं।
ड्रोन की कुछ प्रमुख घटनाएं
- 27 जून को जम्मू वायुसेना स्टेशन पर हमला किया गया। यह देश में पहला ड्रोन हमला था।
- 27 जून को ही जम्मू के बठिंडी से 5 किलो आईईडी बरामद की गई, जो पाकिस्तान से भेजी गई थी।
- 16 जुलाई को 6 किलो आईईडी लेकर आया ड्रोन अखनूर में पुलिस ने मार गिराया।
- 3 अक्तूबर को जम्मू के फ्लायं मंडाल में ड्रोन से गिराए गए हथियार बरामद किए गए।
- 4 जून को राजोरी एलओसी पर ड्रोन से गिराए गए हथियार बरामद किए गए।
- 9 सितंबर को राजोरी में हथियार गिराने के बाद इन्हें लेने वाले तीन लोग गिरफ्तार किए गए।
ड्रोन शांत होते ही टारगेट कीलिंग
जून से लेकर अगस्त तक जम्मू-कश्मीर में ड्रोन गतिविधियां ज्यादा हुईं, लेकिन इसके कुछ हद तक नियंत्रित होते ही कश्मीर में हाइब्रिड आतंकी सक्रिय हो गए, जिन्होंने कश्मीर में टारगेट कीलिंग को जन्म दिया। अकेले अक्तूबर महीने में ही 11 नागरिकों की हत्या कर दी गई। इनमें कश्मीरी पंडित, गैर कश्मीरी और पुलिसकर्मी शामिल थे।
नए साल में होगा कड़ा प्रहार, याद रखेगा उस पार
नए साल में आतंकवाद और नारको आतंकवाद की कमर तोड़ने से लेकर ड्रोन गतिविधियों और टारगेट कीलिंग पर कड़ा प्रहार करने की तैयारी कर ली गई है। जिससे उस पार बैठे आतंक के आका याद रखेंगे। आतंकी गतिविधियों के लिए यहां राज्य जांच एजेंसी पूरी ताकत से काम करेगी तो वहीं एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स भी पूूरी ताकत से नशा तस्करों पर शिकंजा कसेगी। दोनों ही एजेंसियों के लिए एक मल्टीस्टोरी पार्किंग में ढांचा विकसित किया जा रहा है। यहां पर तनकीकी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। साथ ही दोनों एजेंसियों के पास 200 से ज्यादा कर्मियों की मैनपावर होगी। इन एजेंसियों को एनआईए भी मदद करेगी, ताकि सीमा पार से हथियारों की तस्करी से लेकर गोला बारूद तक का नेटवर्क चलाने वालों पर शिंकजा कसा जा सके।
विकसित होगी एंटी ड्रोन प्रणाली
नए साल में डीआरडीओ की मदद से बीएसएफ और एसएसजी एंटी ड्रोन प्रणाली भी विकसित कर लेगी। जिससे ड्रोन गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी। इसके लिए तेजी से काम चल रहा है। आईबी के अलावा महत्वपूर्ण स्थलों पर इनकी तैनात रहेगी।