इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 20 जनवरी 2022। दिल्ली में वायु प्रदूषण पर शिकंजा कसने के लिए परिवहन विभाग की तरफ मियाद पूरी कर चुके वाहनों पर शिकंजा और कसेगा। 10 साल पुराने डीजल वाहनों के बाद 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर सख्ती की तैयारी है। मियाद पूरी कर चुके वाहनों को डी रजिस्टर किया जाएगा। इसके बाद भी अगर रेट्रो फिटमेंट के विकल्प को वाहन मालिक नहीं अपनाता है तो वाहनों को चरणों में स्क्रैप किया जाएगा। दिल्ली में मियाद पूरी कर चुके करीब 30 लाख पेट्रोल वाहन हैं। पुराने डीजल वाहनों की तरह 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों का भी पंजीकरण रद्द किया जाएगा। इसके बाद सड़क पर इन वाहनों को उतारा जाता है तो जब्त कर, स्क्रैप किया जाएगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के पहले के आदेश के मुताबिक दिल्ली में 10 साल से अधिक डीजल और 15 साल से अधिक पेट्रोल वाहनों को चलने की इजाजत नहीं है। नियमों की अनदेखी करने वाले वाहन मालिकों पर परिवहन विभाग ने पिछले साल सख्ती बढ़ाना शुरू कर दिया। पहले चरण की कार्रवाई में 1 लाख से अधिक डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया। इन वाहनों को कबाड़ बनने से बचाने के लिए दिल्ली सरकार ने रेट्रो फिटमेंट और देश के दूसरे शहरों में वाहनों के पंजीकरण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) हासिल करने का विकल्प दिया। जिन शहरों में प्रतिबंध नहीं हैं, वहां पुराने वाहनों को दोबारा पंजीकृत किया जा सकेगा।
परिवहन आयुक्त एवं प्रमुख सचिव आशीष कुंद्रा ने कहा कि पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है। पहले चरण में डीजल वाहनों के बाद 15 साल की मियाद पूरी कर चुके पेट्रोल वाहनों की बारी है। दिल्ली में ऐसे करीब 30 साल वाहन हैं, जिनके पंजीकरण रद्द किए जाएंगे। कोरोना की तीसरी लहर के दौरान लागू बंदिशों के कारण फिलहाल कार्रवाई की रफ्तार थोड़ी कम है।
रेट्रो फिटमेंट की दिशा में शुरू हुई पहल
परिवहन विभाग ने मियाद पूरी कर चुके वाहनों को दोबारा नए सिरे से इस्तेमाल के लायक बनाने के लिए रेट्रो फिटमेंट में विकल्प दिया है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए एजेंसियां भी नियुक्त की जा चुकी है। लोगों की सुविधा के लिए वेबसाइट पर भी ब्योरा है। वाहनों की रेट्रो फिटमेंट के बाद इन वाहनों को सड़कों पर दोबारा उतारा जाएगा। चूंकि, इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील किए जाने के बाद प्रदूषण नहीं होगा, इसलिए वाहनों को आगे भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। हालांकि, वाहनों की स्थिति की सालाना जांच की जाएगी, ताकि सुरक्षा के लिहाज से पुराने वाहन में कोई कमी न रहे। इसके लिए सरकार की ओर से अधिकृत इलेक्ट्रिक किट ही वाहनों में लगाए जा सकेंगे।
हर साल हजारों वाहनों की होती है बिक्री
दिल्ली में 15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों की संख्या 30 लाख के करीब है। पिछले वर्षों के दौरान वाहनों की मियाद पूरी होने पर सैकड़ों की संख्या में हजारों वाहनों को हर साल अनाधिकृत स्क्रैप कारोबारियों के पास बेचने का भी सिलसिला जारी है। ऐसे में वाहनों को डी रजिस्टर करने के बाद भी लाखों की संख्या में इधर उधर वाहनों का स्क्रैप हैं। वाहनों को डी रजिस्टर करने के बाद उन्हें सड़कों या घरों के इर्द-गिर्द से भी जब्त कर स्क्रैप कर दिया जाएगा। दिल्ली सरकार की ओर से अधिकृत एजेंसियों से वाहनों को स्क्रैप करवाने से डी रजिस्ट्रेेशन सर्टिफिकेट सहित सभी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। इससे किसी भी वाहन के नंबर का गलत इस्तेमाल भी नहीं किया जा सकेगा।