इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 17 दिसंबर 2022। दुनिया के कई देश भारत को एक भरोसेमंद भागीदार क रूप में देख रहे हैं और इसलिए वह भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर करना चाहते हैं। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा में प्रश्नकान के दौरान पूरक सवालों के जवाब देते हुए इस बात का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार के विभिन्न कदमों से दुनिया भर में अपने देश का प्रभाव बढ़ा है और कई देश भारत का व्यापारिक साझीदार बनना चाहते हैं।
पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि वियतनाम और बांग्लादेश ने सूती वस्त्र एवं परिधान के मामले में बढ़त बना ली है। इस क्षेत्र में बांग्लादेश के आगे निकलने का एक बड़ा कारण उसका अल्पविकसित देश (एलडीसी) होना है और वह 2026 तक इस सूची में रहेगा। उन्होंने कहा कि एलडीसी देश होने के नाते उसे सीमा शुल्क में छूट मिलती है, जबकि भारतीय उत्पादों पर 10% तक सीमा शुल्क लगता है।
यूरोपीय संघ समेत छह देशों से वार्ता जारी। गोयल ने कहा कि अरब अमीरात के साथ एफटीए मई से प्रभावी हो गया है। ऑस्ट्रेलिया के साथ ऐसे हस्ताक्षर पहले ही हो गए थे। ब्रिटेन, कनाडा, यूरोपीय संघ के साथ ही खाड़ी परिषद के छह देशों के साथ भी समझौते की वार्ता चल रही है।
अब तक 13 समझौते कर चुका है भारत
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक, भारत अब तक 13 मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) कर चुका है। एफटीए के तहत दो या दो से अधिक देशों एवं समूहों के बीच होने वाले व्यापार को और सरल बना दिया जाता है। इसमें आयात या निर्यात होने वाले उत्पादों और सेवाओं पर सीमा शुल्क, नियामक कानून, सब्सिडी और कोटा को या तो बहुत घटा दिया जाता है या पूरी तरह से खत्म कर दिया जाता है।
हालांकि, तब भी सरकारें कुछ उत्पादों और सेवाओं को अपने नियंत्रण में रख सकती हैं। मसलन, किसी देश ने दूसरे देश एफटीए समझौता किया गया। लेकिन, एक देश की सरकार ने किसी खास दवा के आयात को इस समझौते से बाहर कर दिया, क्योंकि वहां उस दवा को नियामकीय मंजूरी प्राप्त नहीं थी। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों पर भी यही नियम लागू होता है।