जिले में स्थिति अब नियंत्रण में – कलेक्टर चंदन कुमार
इंडिया रिपोर्टर लाइव
सुकमा, 29 अगस्त 2020। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार देर शाम वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा की एवं बाढ़ के समय हुए क्षति की जानकारी ली। कॉन्फ्रेंसिंग में सभी जिले के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और वनमण्डलाधिकारी ने अपने जिलों में बाढ़ से हुई क्षति, वर्तमान में चल रही आपदा प्रबंधन, नदी नालों एवं जलाशयों में जलभराव के स्थिति की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने बाढ़ आपदा के समय मुख्य रूप से जनहानि कम करने हेतु प्रबंधन पर जोर देते हुए कहा कि जिन क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका हो, वहां के रहवासियों को प्राथमिकता से राहत शिविरों में पहुंचाया जाए। राहत शिविरों में भोजन, स्वच्छ पेयजल सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं कोविड-19 प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बाढ़ आपदा से हुई जनहानि, पशुहानि और क्षतिग्रस्त हुए मकानों तथा फसल के लिए हितग्राहियों को जल्द से जल्द सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही शासकीय संपत्ति को हुए नुकसान की जानकारी एकत्रित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने बाढ़ के समय आपदा प्रबंधन के लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य सभी विभागों को एकजुट होकर कार्य करने करने को कहा।
सुकमा जिले में 134 मकान हुए क्षतिग्रस्त, 82 हेक्टेयर की फसल हुई खराब, प्रभावितों को सहायता राशि के प्रकरण तैयार
कलेक्टर चंदन कुमार ने बताया कि सुकमा जिले में 15 अगस्त से 18 अगस्त तक हुई अतिवृष्टि से नदी नाले उफान पर थे जिससे बाढ़ की स्थिति निर्मित होने के कारण नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि इस मानसून के दौरान 9 लोगों की मृत्यु हुई, वहीं 20 पशुओं की भी हानि हुई। जिले में कुल 134 मकान क्षतिग्रस्त हुए जिसमे 25 पूर्णतः एवं 109 आंशिक सम्मिलित हैं। वहीं बाढ़ के दरमियान जिले में एक भी जनहानि और पशुहानि नहीे हुई लेकिन 47 मकानों को क्षति पहुंची है। इसके साथ ही बाढ़ का पानी खेतों में घुस जाने से लगभग 82 हेक्टेयर में लगे फसल का नुकसान भी हुआ। उन्होंने बताया कि बाढ़ से हुए नुकसान के लिए हितग्राहियों को प्रदाय की जानी वाली सहायता राशि का प्रकरण तैयार किया जा चुका है।
अब स्थिति है नियंत्रण में
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से चर्चा के दौरान कलेक्टर चंदन कुमार ने बताया कि अब स्थिति नियंत्रण में है, नदी नालों का पानी उतरने लगा है जिससे आवागमन पुनः प्रारंभ हो चुका है। राहत शिविरों में लाए गए परिवार भी अब अपने घर लौट चुके हैं। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में रोग प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जा रही है। इस दौरान पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा, वनमण्डलाधिकारी आरडी तारम, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नूतन कुमार कंवर, डिप्टी कलेक्टर रवि साहू उपस्थित थे।