इंडिया रिपोर्टर लाइव
पारेबंदर 12 अप्रैल 2022। गुजरात का माधवपुर मेला 10 से 14 अप्रैल, 2022 तक चलेगा। माधवपुर मेला भगवान कृष्ण और रुक्मिणी के विवाह के खूबसूरत क्षणों का जश्न मनाता है, जो अरुणाचल प्रदेश से शुरू होकर गुजरात तक आता है। माधवपुर मेले में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने सोमवार को शिरकत की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मैं गुजरात की पावन भूमि को नमन करता हूं। इस भूमि पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार बल्लभभाई पटेल और गरीबों के मसीहा आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जन्म लिया है। राष्ट्रीय एकता के प्रतिक पोरबंदर के माधवपुर घेड़ मेले में भाग लेकर मैं अपने आप को धन्य महसूस कर रहा हूं उन्होंने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गुजरात सरकार द्वारा वर्ष 2018 से माधवपुर घेड़ मेले में सांस्कृतिक मेले को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
माधवपुर भगवान कृष्ण और रुक्मिणी के विवाह का साक्षी है
बिप्लब देब ने कहा कि आप सभी अवगत हैं कि पोरबंदर जिले का माधवपुर भगवान कृष्ण और रुक्मिणी के विवाह का साक्षी है। लोककथाओं के अनुसार रुक्मिणी पूर्वोत्तर भारत के अरूणाचल प्रदेश की रहने वाली थीं। भगवान श्री कृष्ण उन्हें अपने साथ लाए और यहां माधवपुर में उन दोनों का विवाह रीति-रिवाज के साथ संपन्न हुआ। इससे यह प्रमाणित होता है कि हमारे देश के पश्चिम और पूर्व के भूभाग के सांस्कृतिक संबंध बेहद प्रगाढ़ थे। लेकिन आज के आधुनिक और आजाद भारत में भी देश के प्रमुख हिस्सों से पूर्वात्तर भारत को ओझल रखा गया था। मगर भला हो भगवान का जिसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में एक ऐसा मसीहा भेजा है जिसने पूर्वोत्तर भारत और देश के मुख्य भूभाग के बीच की खाई को खत्म कर पूर्वोत्तर भारत को देश के मुख्य भूभाग के राज्यों के बराबर लाकर खड़ा कर दिया है।
मोदी के पीएम बनने के बाद नार्थ ईस्ट देश की प्राथमिकता में आया है: बिप्लब देब
आज माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की वजह से नॉर्थ ईस्ट को विश्व पटल पर ख्याति प्राप्त हो रही है और इसे वह दर्जा प्राप्त हो रहा है, जिसका वो हकदार था। मोदी के पीएम बनने के बाद से नार्थ ईस्ट देश की प्राथमिकता में है। वरना इस क्षेत्र को न कोई जानता था और न ही पूछता था।
पीएम मोदी के नेतृत्व में त्रिपुरा में अप्रत्याशित विकास हुआ: बिप्लब देब
उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में पिछले कई वर्षों से कम्युनिस्टों की सरकार रही और हमारा राज्य मुख्यधारा के राज्यों की तुलना में अत्यधिक पीछे चला गया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनने के दो साल के अंदर ही त्रिपुरा में ‘खतरे की पहचान और जोखिम मूल्यांकन’ (एचआईआरए) मॉडल के तहत अप्रत्याशित विकास हुआ है। यह माधवपुर गांव न सिर्फ भगवान श्री कृष्ण और विदर्भ कुमारी रुक्मिणी के विवाह की साक्षी स्थली है। बल्कि यह भारत के पूर्वोत्तर और पश्चिम प्रदेशों के सांस्कृतिक मिलन का स्थल भी है।
देब ने कहा कि “अंत में यही कहूंगा की भारत की आजादी के बाद से पूर्वोत्तर और पश्चिम प्रदेश के बीच के सांस्कृतिक संबंधों को या तो भुलाने की कोशिश हुई या उन्हें ओझल रखा गया। मगर राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार पटेल के आदर्शों को ध्येय मानकर कार्य कर रहे पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर के सांस्कृतिक और आर्थिक विकास को नई पहचान दी। उनके एक भारत श्रेष्ठ भारत के सपने को पूरा करने के लिए समूचे पूर्वोत्तर की जनता उनके साथ है और सभी राज्य उनके साथ कंधा से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे हैं।”