
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली/ पटना 20 मई 2022। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर एक बार फिर केंद्रीय जांच ब्यूरो ने शिकंजा कस दिया है। रेलवे में नौकरियों के बदले जमीनें हड़पने के मामले को लेकर उनके व उनके परिजनों से जुड़े 17 ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी कर रही है।
सीबीआई ने शुक्रवार सुबह एक साथ कार्रवाई शुरू की। सूत्रों के अनुसार लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित ठिकानों पर कार्रवाई की जा रही है। सीबीआई ने राजद सुप्रीमो के खिलाफ रेलवे भर्ती घोटाले को लेकर नया केस दर्ज किया है।
पहले प्राथमिक दर्ज की थी, अब एफआईआर
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने रेलवे भर्ती घोटाले को लेकर पहले प्राथमिक जांच दर्ज की थी, उसे अब एफआईआर में बदल दिया गया है। एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा व हेमा तथा कई आवेदकों के खिलाफ सर्च शुरू की। यह केस भादंवि की धारा 120 बी. आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं में दर्ज किया गया है। यादव परिवार पर आरोप है कि उन्होंने 2008 से 2009 के बीच रेलवे में नौकरियां लगवाने के बदले कई संपत्तियां हथियाईं।
तेजस्वी लंदन में, कॉन्फ्रेंस में देश के भविष्य पर रखेंगे विचार
राजद सूत्रों का कहना है कि लालू के छोटे पुत्र व बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव इस वक्त लंदन में हैं। महज कुछ घंटों बाद तेजस्वी यादव को लंदन में ‘आईडियाज फॉर इंडिया कॉन्फ्रेंस’ में ‘देश के भविष्य’ पर परिचर्चा को संबोधित करना है। तेजस्वी को पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर बात रखने का मौका मिला है।
नौकरी के बदले जमीन, प्लॉट लिए गए?
आरोप है कि संप्रग सरकार के जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तब नौकरी लगवाने के बदले में आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए थे। सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू और उनकी बेटी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 के बीच तत्कालीन संप्रग सरकार में रेलमंत्री थे। जब वह रेल मंत्री थे, जब ऐसे कई मामले सामने आए थे कि नौकरी के बदले जमीन दी गई थी।
राजद का तंज-तोता है, तोतोंका क्या
सीबीआई छापों को लेकर राजद ने तंज किया है- ‘तोता है, तोतों का क्या’। संप्रग काल में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नेताओं का तोता करार दिया था। राजद प्रवक्ता आलोक मेहता ने कहा है कि यह एक सशक्त आवाज को कुचलने का प्रयास है। यह पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण है। उधर, लालू यादव के भाई प्रभुनाथ यादव ने कहा कि एक बीमार व्यक्ति को जानबूझकर इस तरह परेशान किया जा रहा है। इस कार्रवाई के पीछे कौन है, यह सबको पता है।
चंद दिनों पहले जेल से रिहा हुए हैं राजद सुप्रीमो
राजद सुप्रीमो लालू यादव को चंद दिनों पहले ही चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा कोषालय मामले में जमानत मिली है। यह मामला डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की निकासी का था। 27 साल बाद कोर्ट ने उन्हें फरवरी 2022 में इस घोटाले का दोषी माना था और पांच साल की सजा सुनाई थी। इसके पहले वे चारा घोटाले के अलग अलग मामलों में जेल में रह चुके हैं।