
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 25 जून 2022। दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के प्रभावशाली समूह जी-20 की बैठक अगले साल जम्मू-कश्मीर में करवाकर केंद्र सरकार पूरी दुनिया खासकर पड़ोसी मुल्क को संदेश देना चाहती है। कश्मीर मुद्दे के बावजूद जम्मू-कश्मीर में सम्मेलन कर पाकिस्तान और चीन के गठजोड़ को भी संदेश देना उद्देश्य है। इतना ही नहीं भारत अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में धरातल पर आए बदलाव से भी पूरी दुनिया को अवगत कराना चाहता है। जम्मू-कश्मीर में जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन को आयोजित करने के पीछे कई वजहें हैं। भारत समूह की अध्यक्षता करते हुए पहला ही सम्मेलन जम्मू-कश्मीर में करवाकर पूरी दुनिया को यहां की वास्तविकता से रूबरू कराना चाहता है। वह यह दिखाना चाहता है कि सभी मोर्चों पर आमूलचूल बदलाव आए हैं।
जम्मू-कश्मीर में जी-20 समूह की बैठक से कई संदेश जाएंगे
चाहे आतंकवाद का मोर्चा हो या अलगाववाद का, चाहे विकास का मुद्दा हो या फिर बेरोजगारी का, सभी क्षेत्र में बदलाव हुए हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू में राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग के प्रोफेसर डॉ. जे जगन्नाथन का कहना है कि भारत जम्मू-कश्मीर में जी-20 समूह की बैठक से कई संदेश जाएंगे।
पाकिस्तान व चीन को भी झटका लगेगा
एक तो इसमें शामिल दक्षिण एशिया के 20 देशों को यहां आकर करीब से सच जानने का मौका मिलेगा। साथ ही पाकिस्तान व चीन को भी झटका लगेगा। विश्लेषक प्रो. हरिओम के अनुसार यहां बैठक आयोजित करना भारत की कूटनीतिक जीत है।
सभी देश पाकिस्तान के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं
जम्मू-कश्मीर के हालात के साथ पाकिस्तान के खिलाफ संदेश जाएगा कि वह अपनी धरती से आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। इसमें सभी देश पाकिस्तान के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं। दूसरा 370 हटने, परिसीमन आयोग की रिपोर्ट और कश्मीर मुद्दे पर रोजाना राग अलापने वाले पड़ोसी मुल्क को भी सच दिखाने की कोशिश होगी।
समन्वय के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित
केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने बैठकों के समग्र समन्वय के लिए वीरवार को पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। केंद्र शासित प्रदेश के आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव समिति के अध्यक्ष होंगे। समिति के सदस्यों में आयुक्त सचिव (परिवहन), प्रशासनिक सचिव (पर्यटन), प्रशासनिक सचिव (आतिथ्य एवं प्रोटोकॉल) और प्रशासनिक सचिव (संस्कृति) शामिल हैं। इसके अलावा जी-20 बैठकों की व्यवस्था के समन्वय के लिए सरकार के प्रधान सचिव (आवास और शहरी विकास विभाग) को केंद्र शासित प्रदेश स्तर के नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है।
केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन
केंद्र द्वारा अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के तहत तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को प्राप्त विशेष दर्जे की समाप्ति और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आयोजित होने वाला यह पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन होगा। पिछले साल सितंबर में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को जी-20 के लिए भारत का शेरपा नियुक्त किया गया था।
गोयल को जी-20 के लिए भारत का शेरपा नियुक्त किया
विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत एक दिसंबर 2022 से जी-20 की अध्यक्षता करेगा और 2023 में पहली बार जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 से जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत के प्रतिनिधित्व का नेतृत्व कर रहे हैं। भारत 1999 में जी-20 की स्थापना के बाद से इसका सदस्य है।