इंडिया रिपोर्टर लाइव
इस्लामाबाद । कोरोना वायरस के बढ़ते कहर से पाकिस्तान की माली हालत खस्ता होती जा रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक खरब से ज्यादा रुपये के आर्थिक पैकेज का तो ऐलान कर दिया है लेकिन इसे देने के लिए उनके पास पैसे ही नहीं है। इस संकट से निपटने के लिए एक बार फिर से इमरान सरकार आईएमएफ, विश्वबैंक और एडीबी के दरवाजे पर पहुंच गई है। पाकिस्तान सरकार ने कोरोना वायरस के प्रकोप से उत्पन्न आर्थिक संकट से निपटने के लिए 3.7 अरब डॉलर का अतिरिक्त ऋण मांगा है। देश में कोरोना वायरस से अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है और 1,193 लोग इससे संक्रमित है। वित्त मामलों पर प्रधानमंत्री के सलाहकार अब्दुल हफीज शेख ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 1.4 अरब डॉलर ऋण के अलावा, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक देश में क्रमशः एक अरब डॉलर और 1.25 अरब डॉलर कर्ज देंगे।
1.2 खरब रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा
प्रधानमंत्री खान ने इससे पूर्व 1.2 खरब रुपये के आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा की थी। ताजा आधिकारिक आंकड़े के अनुसार पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 1,193 पहुंच गई है। स्वास्थ्य सेवाओं के मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार सिंध में 421 मरीज, पंजाब में 408, बलूचिस्तान में 131, खैबर पख्तूनख्वा (केपी) में 123, गिलगित-बाल्टिस्तान (जीबी) में 84, इस्लामाबाद में 25 और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एक मामला सामने आया है।
सिंध में जुमे की नमाज पर लगी रोक
इस बीच पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स (पीआईए) ने घोषणा की कि उन यात्रियों के लिए विशेष प्रीमियम उड़ानों का संचालन किया जायेगा, जिन्हें तुरंत घर लौटने की आवश्यकता है। इन उड़ानों का संचालन केवल एक तरफ पाकिस्तान से होगा। यह निर्णय 26 मार्च से दो अप्रैल तक प्रभावी रहेगा। कोरोना संकट को देखते हुए पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जुमे की नमाज पर रोक लगा दी गई है।