म्यांमार सीमा पर खत्म होगी मुक्त आवागमन की व्यवस्था, उग्रवादी, तस्कर-अवैध प्रवासी कर रहे दुरुपयोग

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इंडिया रिपोर्टर लाइव

नई दिल्ली 04 जनवरी 2024। पूर्वोत्तर सीमा पर अवैध प्रवासियों और उग्रवादियों की घुसपैठ को रोकने के लिए भारत-म्यांमार सीमा पर लागू मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) केंद्र सरकार खत्म करने जा रही है। स्थानीय निवासियों ने एफएमआर की शिकायत में बताया था कि उग्रवादी और मादक पदार्थों व हथियारों के तस्कर इस व्यवस्था का दुरुपयोग कर रहे हैं। मणिपुर और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों की सरकारों ने यह समस्या केंद्र के सामने रखी थी। भारत के मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में दोनों देशों के बीच फैली अंतरराष्ट्रीय सीमा 1,643 किमी लंबी है। यहां साल 2018 में भारत की ‘पूर्व के लिए नीति’ के तहत एफएमआर लागू की गई थी। इसके तहत सीमा के निकट रहने वाले दोनों देशों के नागरिक एक दूसरे के यहां 16 किमी भीतर तक बिना वीजा के दाखिल हो सकते हैं। यह व्यवस्था पहाड़ों में निवास कर रही जनजातियों के हित में बनाई गई थी। उन्हें सीमा पार करने के लिए एक सालाना पास दिया जाता है। एक बार सीमा पार करने के बाद वे 2 हफ्ते तक यहां रह सकते हैं।

राज्यों की म्यांमार से सटी सीमा
मणिपुर की 390 किमी सीमा में 10 किमी पर बाड़बंदी, बाकी जगह घुसपैठ के अनुकूल हालात। वहीं, मिजोरम की 510 किमी सीमा पर हो सकती है घुसपैठ। इसी तरह अरुणाचल प्रदेश की 520 किमी तथा नागालैंड की 215 किमी लंबी सीमा है। 

साढ़े 4 साल में बाड़बंदी करेंगे
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि एफएमआर को जल्द ही खत्म करने की योजना बन चुकी है। सरकार का लक्ष्य है कि सीमा पर बाड़बंदी की जाए, इस काम में करीब साढ़े 4 साल लगेंगे। भविष्य में सीमा के निकट रहने वाले नागरिकों को एक दूसरे के यहां आने-जाने के लिए वीजा लेना ही होगा। भारत में हमला करने और बचकर म्यांमार निकल जाने के लिए भी उग्रवादी एफएमआर का दुरुपयोग नहीं कर सकेंगे।

300 किमी में ‘स्मार्ट-फेंसिंग’ प्रणाली 
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि भारत-म्यांमार सीमा पर 300 किमी में स्मार्ट-फेंसिंग प्रणाली लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है। इसका काम जल्द शुरू होने जा रहा है।

ऐसे बदले हालात
1 फरवरी 2021 को म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद बड़ी संख्या में जनजातीय आबादी भारत की सीमा में घुस आई थी। मणिपुर व मिजोरम सबसे ज्यादा प्रभावित थे। इनमें से कई लोग आज भी यहां अवैध ढंग से रह रहे हैं। परिणामस्वरूप मादक पदार्थों की तस्करी सहित कई अवैध गतिविधियां बढ़ी हैं। सितंबर 2023 में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने केंद्र सरकार से अपील की थी कि एफएमआर खत्म करें, उग्रवादी इसका दुरुपयोग कर अपनी गतिविधियां बढ़ा रहे हैं। जुलाई में राज्य सरकार ने बताया था कि यहां 700 अवैध प्रवासी प्रवेश कर चुके हैं। तख्तापलट के बाद मिजोरम में भी हजारों सैन्य शासन विरोधी घुस गए थे। राज्य सरकार का अनुमान है कि कई हजार अब भी राज्य के विभिन्न हिस्सों में रह रहे हैं।

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