इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 09 नवंबर 2024। देश के 51वें सीजेआई के लिए नामित जस्टिस संजीव खन्ना ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के विदाई समारोह में कहा, आपने शीर्ष अदालत को बेहतर बनाने के मिशन में शानदार काम किया। यह बिल्कुल आपकी तरह से किया गया। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित विदाई सामरोह में जस्टिस संजीव खन्ना भावुक हो गए। उन्होंने कहा, हमें सोमवार से आपका साथ नहीं मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट में ‘खालीपन’ होगा। उधर, विदाई समारोह से इतर सीजेआई ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिन 45 मामलों की सुनवाई की। जस्टिस खन्ना ने कहा, जब न्याय के वन में एक विशाल पेड़ पीछे हटता है, तो पक्षी अपने गीत बंद कर देते हैं। हवा अलग तरह से चलती है। अन्य पेड़ खालीपन को भरने के लिए स्थानांतरित और समायोजित होते हैं। लेकिन वन फिर कभी वैसा नहीं रहेगा। सोमवार से, हम बदलाव को गहराई से महसूस करेंगे, इस न्यायालय के बलुआ पत्थर के खंभों के माध्यम से एक खालीपन गूंजेगा, बार और बेंच के सदस्यों के दिलों में एक शांत प्रतिध्वनि होगी। उन्होंने सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़ के एक विद्वान और विधिवेत्ता होने के गुणों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने, महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते समय अपने पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में शांति का परिचय दिया।
38 संविधान पीठों में होने का रिकॉर्ड
जस्टिस खन्ना ने कहा, सीजेआई के पास 38 संविधान पीठों में होने का रिकॉर्ड है। इस कीर्तिमान को कभी कोई नहीं तोड़ सकेगा। इसके अलावा जस्टिस चंद्रचूड़ की विविध विषयों पर श्रोताओं को संबोधित करने की क्षमता को कोई छू नहीं पाएगा। जस्टिस खन्ना ने कहा, आप न सिर्फ एक शानदार वक्ता हैं, बल्कि लिखित शब्दों पर भी आपकी उतनी ही पकड़ है।
सीजेआई ने साथियों की प्रशंसा कर भविष्य के लिए जताया विश्वास
सीजेआई ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में अपनी अंतिम सुनवाई के दौरान अपने सहयोगियों की प्रशंसा की। विशेष रूप से जस्टिस पारदीवाला व जस्टिस मिश्रा के साथ पीठ पर बिताए पलों का जिक्र किया। उनके सौहार्दपूर्ण दृष्टिकोणों की विविधता के बारे में बात की। सीजेआई ने साथ ही अदालत के भविष्य पर भी विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने विधिक समुदाय को आश्वस्त किया कि उनके बाद अगले सीजेआई जस्टिस संजीव खन्ना समान समर्पण और दूरदर्शिता के साथ न्यायालय का नेतृत्व करेंगे।
कभी किसी काे दुख पहुंचाया तो उसके लिए माफी मांगता हूं…सीजेआई ने अपने कार्यकाल के दौरान अनजाने में हुई किसी भी गलती या गलतफहमी के लिए माफी भी मांगी। उन्होंने कहा, अगर मैंने कभी किसी को दुख पहुंचाया है, तो मैं माफी चाहता हूं। जस्टिस खन्ना ने इस मौके पर सीजेआई को शुभकामनाएं देते हुए कहा, उन्होंने मेरा काम आसान और मुश्किल दोनों बनाया है। आसान इसलिए क्योंकि क्रांतियां शुरू हो गई हैं और मुश्किल इसलिए क्योंकि मैं उनके पास नहीं जा सकता। उनकी कमी बहुत खलेगी।
अयोध्या भूमि विवाद, अनुच्छेद 370, समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध मुक्त करने जैसे फैसलों में शामिल
सीजेआई चंद्रचूड़ अपने कार्यकाल के दौरान समाज में बदलाव लाने वाले कई महत्वपूर्ण फैसलों का हिस्सा बने। चाहें वह दशकों पुराना अयोध्या भूमि विवाद हो, अनुच्छेद 370 से जुड़ा माला हो या सहमति से समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध मुक्त करना, सीजेआई ने सभी फैसलों में प्रमुख भूमिका निभाई। सीजेआई ने अपने पूरे कार्यकाल में 500 से अधिक फैसले लिखे, जिनमें बहुत बार उन्हें सराहना मिली।