इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 31 मई 2022। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हैदराबाद के सालारजंग संग्रहालय में लगी प्रदर्शनी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस नेता वी हनुमंत राव ने आरोप लगाया है कि इस प्रदर्शनी में स्वतंत्रता सेनानियों में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की एक भी तस्वीर नहीं थी। जबकि, सावरकर की तस्वीरों को संग्रहालय में लगाया गया था। उन्होंने संग्रहालय के निदेशक को इस संबंध में पत्र भी लिखा है। उन्होंने कहा, भाजपा कहती है कि अगर कोई सावरकर के खिलाफ बोलता है तो वह देशद्रोही है। हां, मैं उनके खिलाफ बोलता हूं। अगर मैं देशद्रोही हूं तो मुझे जेल में डाल दो।
कौन जानता है सावरकर को?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वी हनुमंत राव ने अपने पत्र में भाजपा व आरएसएस पर हमला करते हुए कहा, कोई नहीं जानता कि वीर सावरकर कौन थे और भारत की स्वतंत्रता में उनका क्या योगदान था? वह सिर्फ एक आरएसएस कार्यकर्ता थे। उन्होंने आरोप लगाया कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत होने वाले कार्यक्रम में संग्रहालय में नेहरू की तस्वीर न होना, उनके महान योगदान और बलिदान को दबाने के अलावा और कुछ नहीं है। आगे कहा, इतिहास के साथ छेड़छाड़ अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा इस तरह का आयोजन विशेष तौर पर पंडित नेहरू की पुण्यतिथि के दिन ही आयोजित करने का क्या मतलब था। आप खासकर स्वतंत्रता आंदोलन के बारे में लोगों को क्या बताना चाहते हैं?
सुनियोजित साजिश का हिस्सा
कांग्रेस नेता ने कहा, इस तरह का कृत्य देश के पहले प्रधानमंत्री का बहुत बड़ा अपमान है। उन्होंने सवाल किया कि आप आने वाली पीढ़ियों को क्या संदेश देना चाहते हैं? वी हनुमंत राव ने आरोप लगाया कि यह एक सुनियोजित साजिश थी। उन्हें नेहरू की अनदेखी कर सावरकर की तस्वीरें लगाने का निर्देश मिला था। उन्होंने मांग की कि एक सप्ताह के अंदर पंडित नेहरू के साथ सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी के साथ अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरों को भी लगाया जाए, नहीं तो इसके खिलाफ कांग्रेस अपनी कार्ययोजना तैयार करेगी।