इंडिया रिपोर्टर लाइव
उमरिया 12 मई 2021। मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य उमरिया जिले से बीमार सिस्टम और मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है। जिले में एक आदिवासी युवक के पेट में दर्द होने पर उसे मानपुर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर नहीं मिलने की वजह से मरीज ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। उसके बाद परिजनों ने शव को घर लाने के लिए वाहन की तलाश की, लेकिन वाहन भी नहीं मिला। इसके बाद परिजन शव को बाइक पर रस्सी से बांधकर घर ले गए। यह नजारा जिसने भी देखा, उसका दिल दहल गया।
यह दिल दहला देने वाली और सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा की कहानी बयां करने वाली तस्वीर उमरिया जिले से प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री मीना सिंह के विधानसभा क्षेत्र मुख्यालय मानपुर से आई है।
मंत्री जी के विधानसभा क्षेत्र में किसी ने नहीं दिखाई इंसानियत
जानकारी के मुताबिक, उमरिया जिले के ग्राम पतौर निवासी सहजन कोल को पेट में अचानक दर्द होने लगा। इसके बाद परिजन उसे इलाज के लिए मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां कोई डॉक्टर नहीं था। गरीब आदिवासी ने अस्पताल परिसर में तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। उसके बाद असहाय गरीब आदिवासी परिजन एक दूसरे का मुंह देखते रह गए। शव को घर ले जाने के लिए परिजनों ने वाहन की तलाश की, लेकिन मंत्री जी के विधानसभा क्षेत्र में किसी ने इंसानियत नहीं दिखाई। मिली जानकारी अनुसार, मानपुर विधानसभा क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शव वाहन न होने के कारण शव को बाइक से ले जाना पड़ा है। अंत में थक हार कर परिजनों को शव को रस्सी से बांधकर बाइक पर घर ले जाना पड़ा। बता दें कि इस तरह की यह कोई पहली घटना नही है, इसके पूर्व भी सालों से जमे बीएमओ की मनमानी के चलते कई घटनाएं हो चुकी हैं और गरीब आदिवासी इलाज के अभाव में दम तोड़ चुके हैं।