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उज्जैन 23 दिसंबर 2022। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन में 27 दिसंबर से सुजलाम जल महोत्सव का आगाज होगा। इसमें सरसंघचालक मोहन भागवत, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत समेत कई दिग्गज नेता भाग लेंगे। महाकाल मंदिर में सुजलाम जल महोत्सव अंतर्गत 26 दिसंबर को सामाजिक न्याय परिसर से भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी। समापन पर देश की 314 पवित्र नदियों के जल से भगवान महाकाल का महाअभिषेक होगा। वृहद स्तर पर आयोजित कार्यक्रम में 27 से 29 दिसंबर तक देशभर के 800 जलविद् जल संरक्षण को लेकर मंथन करेंगे। महाकाल मंदिर समिति सदस्य राजेंद्र शर्मा गुरु ने बताया कि देश में पंच महाभूत- धरती, अग्नि, जल, वायु एवं आकाश पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। शिव को जल प्रिय है इसलिए सुजलाम जल महोत्सव का आयोजन पृथ्वी के नाभि केंद्र पर स्थित ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में हो रहा है। पांच दिसंबर से शुरू हुए जल महोत्सव में प्रतिदिन देशभर के वैदिक विद्वान चतुर्विद पारायण कर रहे हैं। आयोजन की इस श्रृंखला में 26 दिसंबर को कलश यात्रा निकाली जाएगी। हरसिद्धि की पाल पर देशभर से आए 313 प्रमुख प्रतिनिधि इन कलशों को लेकर महाकाल मंदिर की ओर रवाना होंगे। यहां से यात्रा हरसिद्धि मंदिर के रास्ते बड़ा गणेश मंदिर के सामने से महाकाल मंदिर के उत्तरीय द्वार से कोटितीर्थ कुंड पर पहुंचेगी। यहां 313 प्रतिनिधि शिप्रा सहित 314 नदियों के जल को कोटितीर्थ कुंड में अर्पित करेंगे। इसके बाद कोटितीर्थ कुंड से जल का कलश भरा जाएगा और इस जल से भगवान महाकाल का अभिषेक किया जाएगा।
भैयाजी जोशी व मुख्यमंत्री करेंगे जल सम्मेलन का शुभारंभ
देशभर में 27 दिसंबर से पंच महाभूत पर आधारित कार्यक्रमों की शुरूआत होगी। इसी शृंखला में उज्जैन में सुजलाम जल महोत्सव मनाया जा रहा है। जनअभियान परिषद् के उपाध्यक्ष राज्यमंत्री विभाष उपाध्याय ने बताया देश के प्रमुख स्थानों के साथ उज्जैन में 27 दिसंबर को इंदौर रोड स्थित मालगुड़ी डेज में अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन का आयोजन होगा। इसका शुभारंभ संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी भैयाजी जोशी तथा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा किया जाएगा। तीन दिवसीय सम्मेलन का समापन 29 दिसंबर को होगा।
देश का पहला ‘जल स्तंभ’ स्थापित किया जाएगा
इस मौके पर शहर में देश का पहला ‘जल स्तंभ’ स्थापित किया जाएगा। महाकाल मंदिर में स्थापित होने वाले जल स्तम्भ को पत्थर से बने 13 फुट ऊंचे व 2 फुट व्यास के 60 किलो चांदी से जड़ित कर स्थापित किया जाएगा। इसके माध्यम से लोगों को जल संरक्षण का संदेश दिया जाएगा।
यह होंगे कार्यक्रम
- 24 दिसंबर तक जलतत्व पर प्रदेश के प्रतिष्ठित कलाकारों द्वारा चित्रांकन कर कलाकृतियों का निर्माण किया जाएगा।
- 24 से 30 दिसंबर तक सृजन हस्तशिल्प मेला और प्रदर्शनी का आयोजन मप्र. जन अभियान परिषद संस्कृति विभाग मप्र. शासन तीर्थ एवं मेला प्राधिकरण और मप्र. खादी ग्राम उद्योग के समन्वय से मुख्य आयोजन स्थल पर किया जाएगा।
- 25 दिसंबर को वेद वेदांग जलतत्व पर सम्मेलन में प्रख्यात वैदिक विद्वानों की मौजूदगी में तीर्थ व मेला प्राधिकरण, जन अभियान परिषद व महर्षी पाणिनि संस्कृत और वैदिक विश्व विद्यालय के समन्वय में स्वामी नारायण आश्रम में किया जाएगा।
- 26 दिसंबर को 313 लघु नदियों और देश की प्रमुख नदियों का जल लेकर आयोजक जलागम कलश यात्रा निकालेंगे जो कि शहर के सामाजिक न्याय परिसर से उज्जैन के श्री राम घाट पर संपन्न होगी और पुण्य सलिला शिप्रा नदी व श्री महाकाल मंदिर के कोटि तीर्थ में सभी नदियों के जल को प्रवाहित किया जाएगा।
- 27 दिसंबर को दोपहर 03:00 मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत, महाराज मठाधिपति कनेरी मठ (कोल्हापुर) व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाहक सुरेश भैया जी जोशी की उपस्थिति में पर्यावरण व भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित समकालीन विमर्श स्थापित करने के लिए पंचमहाभूत के जल तत्व पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार सुजलाम का उद्घाटन किया जाएगा।
- 28 दिसंबर को सारस्वत सत्र दोपहर 03:30 बजे डॉ मोहन भागवत सरसंघचालक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल, परम पूजनीय स्वामी अदृश्य काड सिद्धेश्वर महाराज की मौजूदगी में पर्यावरण पर भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित समकालीन विमर्श स्थापित करने के लिए पंच महाभूत जल तत्व पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार सुजलाम के सारस्वत सत्र में उपस्थिति रहेगी।
- 29 दिसंबर दोपहर 2:00 बजे केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री गोवा प्रमोद सावंत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निवर्तमान सर कार्यवाहक सुरेश भैया जोशी की उपस्थिति में पर्यावरण पर भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित समकालीन विमर्श स्थापित करने के लिए पंच महाभूत के जल तत्व पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार सुजलाम का समापन होगा।