
इंडिया रिपोर्टर लाइव
गुवाहाटी 02 सितम्बर 2023। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा असम में बहुविवाह पर रोक लगाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक तैयार किया था, जिसे सार्वजनिक सुझाव के लिए प्रस्तावित किया गया था। अब इसी विधेयक पर जानकारी देते हुए सरमा ने कहा कि हमें हमारे सार्वजनिक नोटिस के जवाब में कुल 149 सुझाव मिले हैं।
इन्होंने जताया विरोध
उन्होंने कहा कि कुल मिले सुझाव में से 146 विधेयक के पक्ष में हैं। इससे साफ है कि बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के समर्थन में ज्यादा लोग है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि सभी पक्ष में हैं। विधेयक पर तीन संगठनों ने विरोध जताया है।
अंतिम मसौदा होगा तैयार
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि सुझाव मिल चुके हैं। अब हमारे लिए एक तरह से रास्ता साफ है। विधेयकर को लेकर अब हम प्रक्रिया के अगले चरण पर आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि अगले 45 दिनों में विधेयक का अंतिम मसौदा तैयार कर लिया जाएगा।
2026 तक असम में बाल विवाह समाप्त करने का भी लक्ष्य
गौरतलब है, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा लंबे समय से बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने की बात कह रहे हैं। सार्वजनिक नोटिस मिलने से पहले सरमा ने कहा था कि असम सरकार राज्य में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। इसके लिए एक विशेष विशेषज्ञ कमेटी बनाने का फैसला किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि असम में बाल विवाह पर चल रही कार्रवाई को और तेज किया जाएगा। वहीं, 2026 तक असम में बाल विवाह समाप्त हो इसके लिए राज्य सरकार हर संभव कड़े कदम उठाएगी। उन्होंने कहा था कि असम सरकार ने यह जांचने के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने का फैसला किया है कि क्या राज्य विधानमंडल को राज्य में बहुविवाह पर रोक लगाने का अधिकार है। समिति मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) अधिनियम, 1937 के प्रावधानों की जांच भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 के साथ-साथ राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांत के साथ करेगी। समिति निर्णय तक पहुंचने के लिए कानूनी विशेषज्ञों सहित सभी हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि असम सरकार राज्य में बाल विवाह पर नकेल कसने के संबंध में अपने प्रयासों को तिगुना करेगी। निकट भविष्य में गिरफ्तारियां ओर तेज होगी। बाल विवाह के अपराधियों के खिलाफ गहन अभियान चलाया जाएगा। इस साल फरवरी में असम सरकार द्वारा बाल विवाह पर कार्रवाई शुरू करने के बाद हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया था।