इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 03 अक्टूबर 2023। बिहार सरकार ने जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट सोमवार को जारी की, जिसके बाद से बवाल मचा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जातिगत आरक्षण को लेकर बिहार सरकार पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष देश को जाति के नाम पर विभाजित करने की कोशिश कर रहा है।
पीएम मोदी सोमवार को मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंचे। यहां उन्होंने किसी पार्टी या नेता का नाम लिए बिना कहा कि सत्ता में रहते हुए वे विकास सुनिश्चित नहीं कर पाए। उन्होंने गरीबों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। पीएम ने कहा कि वे तब भी गरीबों की भावनाओं के साथ खेलते थे और आज भी वे खेल रहे हैं। उन्होंने पहले भी देश को जाति के नाम पर बांटा और आज भी वे देश को जाति के नाम पर बांट रहे हैं। पहले तो वे सिर्फ भ्रष्टाचारी थे लेकिन आज तो वे अधिक भ्रष्टाचारी हैं। जाति के नाम पर देश के विभाजन के प्रयासों को पीएम मोदी ने पाप बताया है। बता दें, दो दिन पहले राहुल गांधी ने कहा था कि अगर वे सत्ता में आते हैं तो ओबीसी की सटीक जनसंख्या जानने के लिए जाति गत आरक्षण कराएंगे।
बिहार सरकार ने जारी की रिपोर्ट
बिहार सरकार द्वारा रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में सबसे ज्यादा पिछड़ा वर्ग की आबादी है। राज्य कुल 63 फीसदी आबादी इस वर्ग से आती है। इनमें 27 फीसदी आबादी पिछड़ा वर्ग के लोगों की है जबकि 36 फीसदी से ज्यादा अति पिछड़ी जातियों की आबादी है। वहीं, राज्य में अनुसूचित जनजाति के लोगों की संख्या सबसे कम 21,99,361 है। जो कुल आबादी का 1.68% है। आंकड़ों में कहा गया है कि यादव एकमात्र जाति है जिसकी आबादी राज्य में 10 फीसदी से भी ज्यादा है।
राज्य की 14.26 फीसदी आबादी सिर्फ यादव जाति की
प्रदेश में सिर्फ तीन जातियां ऐसी जिनकी आबादी पांच फीसदी से ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में सबसे ज्यादा आबादी वाली जाति यादव समुदाय की है। इस समाज की कुल आबादी 1,86,50,119 है। कुल जनसंख्या में इनकी हिस्सेदारी 14.26% है। रिपोर्ट में यादव जाति में ग्वाला, अहीर, गोरा, घासी, मेहर, सदगोप, लक्ष्मी नारायण गोला को रखा गया है। इसके बाद दुसाध सबसे ज्यादा संख्या वाली जाति है जो दलित पासवान समुदाय से जुड़ी है। इनकी कुल आबादी 69,43,000 है। कुल जनसंख्या में इनकी हिस्सेदारी करीब 5.31% है। सरकार ने दुधास जाति में दुसाध, धारी, धरही का जिक्र किया है।