इंडिया रिपोर्टर लाइव
रांची 28 अगस्त 2024। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने मंगलवार को कहा कि वह उस आदिवासी पहचान और अस्तित्व को बचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो रहे हैं, जो बांग्लादेश से ‘बड़े पैमाने पर’ घुसपैठ के कारण राज्य के संथाल परगना क्षेत्र में दांव पर लगी हुई है। हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद कुछ समय के लिए मुख्यमंत्री पद संभालने वाले झामुमो के वरिष्ठ नेता ने कहा कि केवल भाजपा ही आदिवासियों के मुद्दे पर गंभीर दिखाई देती है, जबकि अन्य वोट बैंक की राजनीति में लिप्त हैं। चंपई सोरेन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘बाबा तिलका मांझी और सिदो-कान्हू की पावन धरती संथाल परगना में आज बांग्लादेशी घुसपैठ एक बड़ी समस्या बन गई है। इससे दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है कि जिन वीरों ने जल, जंगल, जमीन की लड़ाई में कभी अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार नहीं की, आज उनके वंशजों की जमीनों पर ये घुसपैठिये कब्जा कर रहे हैं। हमारी माताओं, बहनों और बेटियों की अस्मत खतरे में है।
वहीं दिल्ली में मौजूद चंपई सोरेन बुधवार को रांची पहुंचेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘आदिवासियों और मूल निवासियों को आर्थिक और सामाजिक नुकसान पहुंचा रहे इन घुसपैठियों को अगर नहीं रोका गया तो संथाल परगना में हमारे समाज का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। पाकुड़, राजमहल समेत कई इलाकों में इनकी संख्या आदिवासियों से भी ज्यादा हो गई है। हमें राजनीति से हटकर इस मुद्दे को सामाजिक आंदोलन बनाना होगा, तभी आदिवासियों का अस्तित्व बच पाएगा।
चंपई सोरेन ने कहा, ‘‘केवल भाजपा ही इस मुद्दे पर गंभीर दिखती है और अन्य पार्टियां वोट बैंक की राजनीति के लिए इसे नजरअंदाज कर रही हैं। इसलिए आदिवासियों के अस्तित्व को बचाने के इस संघर्ष में मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और गृह मंत्री अमित शाह जी के नेतृत्व में आस्था व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया है।