इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 24 दिसंबर 2024। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पराक्रम दिवस के अवसर पर लाल किले में आयोजित एक प्रदर्शनी का निरीक्षण किया। इससे पहले केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने बताया था कि ‘पराक्रम दिवस’ 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के रूप में मनाया जाता है। 2021 में पीएम मोदी ने इस दिन को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को संबोधित भी किया। उन्होंने पराक्रम दिवस कार्यक्रम में कहा कि पूरी दुनिया सोमवार को भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनी। पूरी मानवता अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान भावनाओं एवं ऊर्जा की साक्षी बनी। भारत के पर्व ‘वोकल फॉर लोकल’ को प्रोत्साहित करने और विविधता का सम्मान करने के लिए है। हमें देश की विविधता का जश्न मनाने के लिए इस पर्व में शामिल होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारे पास विश्व की चुनौतियों का समाधान देने की क्षमता है, ये आत्मविश्वास भारत के युवाओं में नजर आता है। स्वतंत्रता के बाद भारत के लोकतंत्र पर भाई-भतीजावाद जैसी बुराइयां हावी हो गईं और इसकी वजह से उस गति से विकास नहीं हो सका, जैसा होना चाहिए था। समाज का बड़ा वर्ग अवसरों से वंचित रहा, सामाजिक-आर्थिक उत्थान के साधनों तक उसकी पहुंच नहीं थी। जब 2014 में हमारी सरकार बनी तो हम ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना के साथ आगे बढ़े। देश देख रहा है कि अब हालात कैसे बदल रहे हैं। दरअसल, संस्कृति मंत्रालय नेताजी सुभाष चंद्र बोस को समर्पित पराक्रम दिवस का आयोजन कर रहा है। इस कार्यक्रम के दौरान 3-डी प्रोजेक्शन मैपिंग और लाइट एंड साउंड शो तथा नाटक व नृत्य प्रदर्शन के साथ प्रोजेक्शन मैपिंग आदि जैसी विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
पर्यटन मंत्रालय द्वारा ‘जनभागीदारी’ की विषयवस्तु को दर्शाते हुए 23 से 31 जनवरी, 2024 तक दिल्ली के लाल किले में ‘भारत पर्व’ का आयोजन किया जाएगा। इसमें गणतंत्र दिवस की झांकी, सैन्य बैंड के प्रदर्शन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, शिल्प बाजार और अखिल भारतीय व्यंजनों का स्वाद चखने वाले फूड कोर्ट भी लगाए जाएंगे।