इंडिया रिपोर्टर लाइव
गुवाहाटी 30 मई 2024। असम में 2023 में उल्फा आतंकियों ने सैन्य शिविर पर बम फेंके थे। इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक्शन लिया है। एनआईए ने यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असोम-इंडिपेंडेंट (उल्फा-आई) प्रमुख परेश बरुआ और पांच अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। बता दें कि परेश बरुआ पर भारत विरोधी एजेंडे के तहत सैन्य शिविरों को निशाना बनाने की साजिश रचने का आरोप है।
एनआईए ने लगाए आपराधिक गतिविधियों के आरोप
एनआईए ने बरुआ और अन्य पर अलग-अलग आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप लगाए हैं। जांच एजेंसी के अनुसार वर्ष 2023 में असम में उल्फा-आई के आतंकियों ने सैन्य शिविरों पर हमला किया। बाद में मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई। एनआईए के मुताबिक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन उल्फा-आई के खिलाफ जांच के दौरान संगठन के खिलाफ कई बातें सामने आई। इस संगठन ने असम के सैन्य शिविरों पर हमले की साजिश रची थी।
कब और कहां हुआ हमला
22 नवंबर, 2023 की शाम को असम के तिनसुकिया जिले में दो मोटरसाइकिल सवार युवकों ने सेना के शिविर पर दो ग्रेनेड फेंके थे। इस हमले में कोई घायल नहीं हुआ था। सेना के जवानों को क्षति पहुंचाने साजिश के तहत यह हमला किया गया था।
एनआईए के आरोप पत्र में इनका नाम
गुवाहाटी स्थित एनआईए की विशेष अदालत में जांच एजेंसी ने अपना आरोप पत्र दायर किया। आरोप पत्र में परेश बरुआ, अरुणोदय दोहुतिया, सौरव असोम, अभिजीत का नाम शामिल है। इसके अलावा हमले के प्रमुख साजिशकर्ता पराग बोरा और बिजॉय मोरन का नाम भी आरोप पत्र में शामिल है। पराग और बिजॉय को पिछले वर्ष दिसंबर महीने में तिनसुकिया जिले से गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में दो आरोपी अभी भी फरार हैं।
भारत के खिलाफ साजिश का भंडाफोड़
आरोप पत्र में उल्फा-आई के शीर्ष नेतृत्व द्वारा रची गई गहरी साजिश का खुलासा किया गया है। इसमें सभी पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत धाराएं लगाईं गईं हैं। आरोप पत्र में यह भी बताया गया है कि भारत विरोधी एजेंडे चलाने के लिए उल्फा-आई संगठन में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए एक नेटवर्क तैयार किया गया है। पहले असम पुलिस द्वारा इस मामले की जांच की जा रही थी। घटना में आतंकी संलिप्तता को देखते हुए बाद में एनआईए को जांच का जिम्मा सौंपा गया था।