कामर्शियल माइनिंग और कोल ब्लॉकों का निजीकरण का फैसला वापस लो – हरिद्वार सिंह
11 जून को कोयला मजदूर यूनियन आंदोलन को और तेज करने की तैयारी में
इंडिया रिपोर्टर लाइव
बिलासपुर 10/06/2020 केंद्रीय श्रम संगठनों के आह्वान पर भारत सरकार के उद्योग विरोधी एवं मजदूर विरोधी फैसलों कोयला उद्योग का निजीकरण, कामर्शियल माइनिंग, निजी क्षेत्रों को कोल ब्लॉक आवंटन, सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग करने, श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधन इत्यादि के खिलाफ 10 व 11 जून को दो दिवसीय देशव्यापी विरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था ।
इसी कड़ी में आज दिनांक 10-06-2020 को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संयुक्त कोयला मजदूर संघ (एटक), एसईसीएल के केंद्रीय महामंत्री कामरेड हरिद्वार सिंह के नेतृत्व में एटक, एचएमएस, इन्टक एवं सीटू यूनियन के द्वारा भारत सरकार के मजदूर विरोधी, जन विरोधी, सार्वजानिक उपक्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ माननीय प्रधानमंत्री, भारत सरकार को संबोधित ज्ञापन महाप्रंबंधक (कार्मिक/प्रशासन) एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर को सौपा गया|
इंडिया रिपोर्टर लाइव से कामरेड हरिद्वार सिंह ने कहा कि आंदोलन को और तेज करेंगे तुफान खड़ा कर देंगे लेकिन कोल ब्लॉकों की नीलामी नही होने देंगे 3 लाख कोयला मजदूर मर मिटेंगे , कोयला खदानों का निजीकरण नही होने देंगे। हम मजदूरो का साफ -साफ नारा है कि खुन भी देंगे जान भी देंगे लेकिन कोयला खदान नही देंगे
निम्नलिखित मांगो के समर्थन में चारो केंद्रीय ट्रेड यूनियन द्वारा माननीय प्रधानमंत्री, भारत सरकार को ज्ञापन सौपा गया हैं- कोल इंडिया लिमिटेड एवं अन्य सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश प्रक्रिया को रोक दिया जाये, वाणिज्यिक कोयला खनन हेतु निजी एजेंसियों को कोल ब्लाकों की नीलामी बंद किया जाये, सी०एम०पी०डी०आई०एल० के साथ एम०ई०सी०एल (Mining Exploration Corporation Limited) के विलय और कोल इंडिया लिमिटेड से सीएमपीडीआईएल को अलग करने के प्रस्ताव को रोक दिया जाये, श्रमिकों के अधिकारों की कटौती करने वाले श्रम कानूनों में संशोधन बंद किया जाये, राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता- 8 एवं 9 में वर्णित 9.3.0/9.4.0/9.5.0 के प्रावधानों को अक्षरशः राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता-10 में भी लागू किया जाये और आश्रितों को रोजगार शैक्षणिक योग्यता के अनुसार दिया जाये, ठेकेदारी श्रमिकों को हाई पावर कमेटी (एच.पी.सी) वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाये, 1.1.2017 और 28.03.2018 के बीच सेवामुक्त कोयला श्रमिकों को बढ़ी हुई ग्रेच्युटी भुगतान की सीमा 20 लाख सुनिश्चित किया जाये, कोविड 19 अवधि के दौरान सभी असंगठित श्रमिक बल (पंजीकृत या अपंजीकृत या स्व. नियोजित) को प्रति माह कम से कम 7500 रुपये उनके बैंक खातों में जमा किया जाये, मनरेगा के तहत दोनों ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में 200 दिन का रोजगार सुनिश्चित किया जाये तथा निर्धारित मजदूरी दर प्रतिदिन रुपये 500 किया जाये |
इस अवसर पर एटक यूनियन से काम० गजराज सिंह, काम० भगवान साहू, काम० विजय मुदलियार, काम० तपन हलधर, काम० राजेंद्र, एचएमएस यूनियन से श्री डी.के.वर्मा, श्री पी.के.गौराहा, इन्टक यूनियन से ओ.पी.नारंग, सीटू यूनियन से काम० एम.ए.हनीफी, काम० प्रमोद कुमार राही सहित चारो यूनियन के कार्यकर्ता उपस्थित रहे| ज्ञापन सौपने के दौरान सोशल डिसटेनसिंग का पालन किया गया |
कामरेड हरिद्वार सिंह ने कहा है कि भारत सरकार कोविड-19 की आड़ में मजदूर विरोधी, उद्योग विरोधी, तथा पूंजीपतियों के हित में फैसले कर रहा है। यदि भारत सरकार कोयला खदानों की नीलामी एवं कामर्शियल माइनिंग का फैसला वापस नहीं करती है तो यह संपूर्ण कार्यक्रम आने वाले समय में बड़े संघर्ष हेतु एक जन जागरण हैं। इसके बाद बड़े स्तर पर आंदोलन किया जायेगा |
कुसमुण्डा क्षेत्र में आज सीटू के नेता वी एम मनोहर के नेतृत्व में ज्ञापन सौपा गया।