
पूर्व महापौर रेड्डी ने कुरासिया भूमिगत खदान में हुई दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच कर दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग
किसी माइनिंग सरदार या ओवरमैन के ऊपर ठीकरा फोडने के बजाए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग
साजिद खान
कोरिया 19 अगस्त 2020 (इंडिया रिपोर्टर लाइव) पूर्व महापौर चिरिमिरी के. डोमरू रेड्डी ने बीते 23 जून 2020 को कुरासिया भूमिगत कालरी में हुए माईन्स एक्सीडेंट की उचित जांच एंव दोषियों पर कार्यवाही कर, मृतक कर्मी के परिवार को न्याय दिलवाए जाने हेतू महाप्रबंधक चिरिमिरी कोयला प्रक्षेत्र को पत्र लिखा। पत्र में रेड्डी ने माइन दुर्घटना में खान कर्मी की दु:खद मृत्यु के विषय में पांच बिन्दुओं पर प्रश्नों को रखते हुए पूछा कि
1. जिस कर्मचारी की मृत्यु हुई है उनका पदनाम क्या था ?
2. खदान के अंदर जहां मृत्यु हुई वहां के जिम्मेदार अधिकारी कौन कौन थे?
3. जिस पैनल में ब्लास्ट होने से यह दुर्घटना घटी है, वह ब्लास्टिंग मटेरियल वहां किसने लगवाई थी?
4. पिछले पाली में ब्लास्ट ( दगानी ) किसके देखरेख में हुई एंव इंचार्ज कौन थे?
5. इस ब्लास्टिंग मटेरियल की पर्ची किसके नाम पर कटी थी?
रेड्डी ने पत्र में लिखा कि – हमारे चिरमिरी के कोयला खदानों का बेतरकीब ढंग से किए गए गलत ढर्रे के कारण ऐसे ही समय से पहले कोयला के भण्डार एवं उत्पादन के गिरते प्रभाव के कारण ऐसे ही हम शहरवासी परेशान है, ऊपर से प्रबंधकीय लापरवाही के कारण पहले अंजनहिल के खान दुर्घटना के त्रासदी से उभरे ही नहीं, वह खदान आज भी फिर से आरंभ होने की बाट जोहता हमारा श्र मिक चर्चा सहित आस पास ड्यूटी कर रहा है कि चिरमिरी में नये माइंस के आरंभ होते ही वे वापिस चिरमिरी स्थानांतरित हो सकेंगे। किन्तु अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा लगातार हमारा मजदूर वर्ग उठाने को विवश है।
मै एक कोयला मजदूर के बेटा होने के नाते इस बात को अच्छी तरह समझ सकता हूं की आज इस परिवार के ऊपर क्या बीत रहा होगा? मैंने अपने माता जी को , पिता जी के ड्यूटी जाने के बाद रात को उठ-उठ कर पिता जी के सलामती के लिए खादानकर्मी का परिवार कैसे दुवाएं मांगता रहता है, काफी नजदीक से देखा और महसूस किया है। सुबह सूरज निकलने के बाद जब घर का मुखिया खदान से काम कर के लौटता है तो परिवार के लोगों के चहरे कैसे खिल उठते है। लेकिन चिरमिरी प्रबंधन को इस बातो से कोई लेना – देना नहीं है, उन्हें तो बस कर्मियों के जानमाल को जोखिम में डालकर केवल अपना प्रमोशन लेना आता है। अभी तक के तो उदाहरण में तो हमने ऐसा ही देखा है।
रेड्डी ने पत्र में आग्रह करते हुए महाप्रबंधक को लिखा कि -पुराने चली आ रही परंपरा अनुसार इस बार फिर किसी माइनिंग सरदार या ओवरमेन के मत्थे टीकाकर अधिकारियों को बचाने की कुत्सित प्रयास में ना लग जाइएगा।नहीं तो परिणाम भुगतने को तैयार रहियेगा, क्योंकि दूसरो की गलती मजदूरों के ऊपर डालकर, उल्टे प्रमोशन पाकर दूसरे क्षेत्रों में स्थानांतारण का यह पैटर्न हमने खूब देखा है। इस बार किसी अधिकारी की गलती की खामियाजा किसी माइनिंग सरदार या ओव्हरमेन के ऊपर टिकाने का प्रयास किया गया , तो परिणाम गंभीर होंगे, हम ये अन्याय और बर्दाश्त नहीं कर सकते।
प्रबंधन ने इस दुर्घटना को मानो मजाक सा बना दिया। दुर्घटना की सुबह मुझे देखकर यह आश्चर्य हुआ कि एसईसीएल प्रबंधन ने हमारे विधायक एवं थाना प्रभारी को खदान ले जाकर, दुर्घटना स्थल का मुआयना कराया। यह कहा तक उचित हैं? यह केवल चमचई नही तो और क्या हैं ? आप लोगो ने एक माननीय विधायक और थाना प्रभारी का भी जान जोखीम में डाल दिया था। यदि कोई पुछे कि विधायक जी के दौरे का क्या नियम संगत हैं, विधायक जी के पीएसओ कहा था? खदान के अंदर थाना प्रभारी का क्या काम है तो एसईसीएल का क्या जवाब हैं? आपको पता होना चाहिए कि खदान मौज मस्ती या पिकनिक मनाने का अड्डा नही है, जहॉं इस तरह एक्सपेरिमेन्ट्स कर , नेताओं के खुशामदी के लिए कार्य किए जाए।
इस दुखद घटना को लेेकर आपसे मेरा आग्रह है कि इस दुर्घटना कि सही जॉच कर , दोषी अपराधियों के विरूध न्यायसंगत कार्यवाही कर, मृत कर्मी को न्यााय दिलाये साथ हि यह भी आग्रह है कि मुझे खदान के अंदर का दरोगा श्रीमान डीजीएमएस से अनुमती दिलाया जावे कि मैं दुर्घटना स्थल का मुआयना कर सकूॅं । जिससे कि दुर्घटना के संबंध कुछ बातें स्पष्ठ हो सकें।