इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 17 दिसंबर 2020। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को केंद्र पर बहुत ही तीखा हमला बोला। विधानसभा में उन्होंने तीनों कृषि कानूनों की कॉपियों को फाड़ दिया। उन्होंने कहा कि सरकार और कितनी जान लेगी? अब तक 20 से ज्यादा किसान इस आंदोलन में शहीद हो चुके हैं। एक-एक किसान भगत सिंह बनकर आंदोलन में बैठा है. अंग्रेजों से बदतर न बने सरकार।
सीएम ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने बरेली में रैली की और तीनों बिलों के फायदे समझाने लगे कि तुम्हारी जमीन नहीं जाएगी, मंडी बंद नहीं होगी। भाजपा वाले बताएं इस कानून से फायदा क्या है? भाजपा वालों को एक लाइन रटवा दी गई है कि किसान देश में कहीं भी फसल बेच सकता है. हवा में बात करने से क्या होगा? किसानों को नहीं भाजपाइयों को भ्रमित किया गया है, भाजपाइयों को अफीम खिला दी गई है।
कोरोना काल में क्यों ऑर्डिनेंस पास किया?
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में हमारे वकील ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया है. कोरोना काल में क्यों ऑर्डिनेंस पास किया? पहली बार राज्यसभा में बिना वोटिंग के 3 कानून को कैसे पास कर दिया गया? ये कानून भाजपा के चुनाव के फंडिंग के लिए बने हैं।
सीएम ने कहा कि दिल्ली विधानसभा केंद्र के कृषि कानूनों को खारिज कर रही है, केंद्र सरकार अंग्रेज से बदतर न बने और कानून वापिस ले। दिल्ली विधानसभा में कृषि कानूनों को निरस्त करने का संकल्प पत्र स्वीकार कर लिया गया है।
जय जवान, जय किसान के नारे लगे
बता दें कि कृषि कानून को लेकर दिल्ली विधानसभा में गुरुवार को एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया था। सत्र की शुरुआत होने पर मंत्री कैलाश गहलोत ने एक संकल्प पत्र पेश किया, जिसमें तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की बात कही गई। इसके बाद हर वक्ता को बोलने के लिए पांच मिनट का वक्त दिया गया। इस दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक महेंद्र गोयल, सोमनाथ भारती ने सदन में कृषि कानून की कॉपी को फाड़ा। उन्होंने इस दौरान जय जवान, जय किसान के नारे लगाए और कहा कि जो कानून किसानों के खिलाफ है, हमें उसे स्वीकार नहीं करेंगे।