इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 16 सितम्बर 2021। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज शाम पांच बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी। इस दौरान बैड बैंक प्रस्ताव से जुड़ी बड़ी घोषणा हो सकती है। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने बैड बैंक को सरकारी गारंटी के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। दरअसल अप्राप्य ऋण के समाधान के लिए बैड बैंक बनाने का प्रस्ताव दिया गया था। भारतीय बैंक संघ (IBA) को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उसका आकलन है कि सरकारी गारंटी करीब 31,000 करोड़ रुपये होनी चाहिए। बैड बैंक या राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी (NRCL) स्वीकृत ऋण राशि का 15 फीसदी नकद देगा। शेष 85 फीसदी राशि सरकारी गारंटी वाली प्रतिभूति होगी।
वित्त मंत्री ने बैंको को गैर निष्पादित आस्तियों (NPA) से उबारने के लिए ‘बैड बैंक’ बनाने का फैसला किया है। इस बैड बैंक को डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टिट्यूशन के नाम से जाना जाएगा। इस बैंक की स्थापना का मुख्य उद्देश्य बैंकों को डूबे कर्ज से बाहर निकालना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में इसके लिए 20 हजार करोड़ रुपये की घोषणा की थी। बैड बैंक ऐसे वित्तीय संस्थान को कहते हैं, जो कर्जदाताओं यानी बैंकों की खराब या फंसी परिसंपत्ति को लेकर उनकी मदद करता है। यह बैंकों के एनपीए की वसूली का समाधान निकालता है। आइए जानते हैं इसे अनूठे बैंक के बारे में :
क्या होगा बैड बैंक से लाभ?
देश की बैंकों की बैलेंस शीट सुधर जाएगी और उन्हें नए कर्ज देने में सुविधा होगी। सारे बैंकों का एनपीए इसमें समाहित हो जाएगा और वे फंसे कर्ज से मुक्त हो जाएंगे। इससे सरकार को भी फायदा होगा। यदि वह किसी सरकारी बैंक का निजीकरण करना चाहेगी तो उसमें आसानी होगी। वहीं बैड बैंक के जरिए एनपीए यानी डूबत कर्ज को वसूल किया जा सकेगा। इसका लक्ष्य कई जटिल मुद्दो को सुलझाकर बैंकों को बिजनेस पर फोकस करने के लिए स्वतंत्र रखना है।
1980 में अमेरिका से हुई इसकी शुरुआत
अमेरिका में बैड बैंक 1980 के दशक में चालू हो गया था। भारी एनपीए के कारण वहां के कई बैंक डूबने की कगार पर पहुंच गए थे। तब इस बैंक का विचार आया। बाद में इस विचार को फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, पुर्तगाल जैसे देशों ने भी अपनाया।