
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 29 अक्टूबर 2021। चीन के जारी सीमा विवाद को लेकर भारत ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर कई अमेरिकी हथियारों की तैनाती कर दी है। चिनूक हेलिकॉप्टर, अल्ट्रा लाइट टोड हॉवित्जर और राइफल्स के साथ ही भारत में बने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और अल्ट्रामॉडर्न सर्विलांस सिस्टम बॉर्डर पर लगाए गए हैं। भारतीय सेना ने हाल ही में कहा है कि माउंटेन स्ट्राइक कोर पूरी तरह से चालू है। कॉम्बेट और कॉम्बेट सपोर्ट यूनिट्स सहित सभी यूनिट पूरी तरह से तैयार हैं।
भारत ने सेना की एक बड़ी टुकड़ी को अरुणाचल प्रदेश में भेजा है। पिछले एक साल में कम से कम 30 हजार से अधिक सैनिकों को अरुणाचल में तैनात किया गया है। केंद्र सरकार 1962 की फिर से नहीं होने देना चाहती जब चीन ने तवांग जैसे क्षेत्र में अपना नियंत्रण कर लिया था।
ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन में सेंटर फॉर सिक्योरिटी, स्ट्रैटेजी एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक राजेश्वरी पिल्लई राजगोपालन का मानना है कि चीन के साथ बातचीत में प्रगति की कमी के कारण नई दिल्ली बॉर्डर पर तैनाती पर जोर दे रही है। यह लगातार दूसरी सर्दी है जब दोनों देश बॉर्डर पर अपने सैनिक जमा किए हुए हैं। ऐसे में भारत को अमेरिका जैसे देशों से और अधिक इक्विपमेंट खरीदने की जरूरत है।
भारत अब जरूरत पड़ने को चीन को धोने के लिए तैयार है। अरुणाचल का क्षेत्र भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसकी सीमा म्यांमार तक फैली हुई है। इधर कई संकीर्ण गलियारे हैं जो सेना का काम थोड़ी मुश्किल करती हैं। आक्रामक रवैया भारत को चीन से मुकाबले में मदद करेगा। सेना का कहना है कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीनी फौज की गतिविधि थोड़ी सी बढ़ी है लेकिन हमारे पास पर्याप्त सैनिक उपलब्ध हैं।