इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 06 मई 2023। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एससीओ बैठक से इतर अपने चीनी समकक्ष किन गांग के साथ बातचीत के एक दिन बाद शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर स्थिति सामान्य नहीं है और अगर सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति भंग होती है तो भारत-चीन संबंध सामान्य नहीं हो सकते हैं। जयशंकर ने यह भी कहा कि तनाव कम करने के लिए सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की जरूरत है। बता दें, जयशंकर और किन ने गुरुवार को गोवा में रिसॉर्ट में द्विपक्षीय वार्ता की थी।चीनी विदेश मंत्री किन के साथ चर्चा के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने पत्रकारों से कहा, मुद्दा यह है कि सीमा से लगे सीमावर्ती क्षेत्रों में असामान्य स्थिति है। हमने इस बारे में बहुत स्पष्ट चर्चा की। हमें सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है और हमने इसे सार्वजनिक रूप से भी बहुत स्पष्ट कर दिया है। मैं कमरे के भीतर जो कहता हूं, वही मैं बाहर कहता हूं कि भारत, चीन के संबंध सामान्य नहीं हैं और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति भंग होने पर सामान्य नहीं हो सकते।
जयशंकर ने कहा कि मैं इस बारे में बहुत स्पष्ट और सुसंगत हूं और मैंने इस बैठक में भी अपनी स्थिति नहीं बदली है। चीन के दावे के बारे में पूछे जाने पर कि सीमा पर स्थिति स्थिर है, जयशंकर ने कहा कि ऐसा नहीं है।
सुधार व आधुनिकीकरण का भारत करेगा समर्थन
वहीं, एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में जयशंकर ने कहा, दुनिया के सामने मौजूद संकटों ने वैश्विक संस्थानों की क्षमता में विश्वसनीयता और भरोसे की कमी को उजागर किया। ये संस्थान उचित समय पर प्रभावी तरीके से चुनौतियों का प्रबंधन करने में पूरी तरह सफल नहीं हुए। जयशंकर ने कहा, एससीओ में सुधार और आधुनिकीकरण एक अधिक समकालीन दृष्टिकोण का पोषण करेगा और भारत सक्रिय रूप से इसका समर्थन करेगा।
जयशंकर ने स्टार्टअप और इनोवेशन व पारंपरिक चिकित्सा पर दो नए कार्य समूहों के निर्माण के भारत के प्रस्ताव के लिए सदस्य देशों के समर्थन की भी सराहना की। साथ ही पूर्ण सदस्य देशों के रूप में ईरान और बेलारूस को शामिल करने में हुई प्रगति का भी जिक्र किया।
चीन ने रूस, भारत को दिया सहयोग बढ़ाने का आश्वासन
चीनी विदेश मंत्री किन गांग ने रूस और भारत को आश्वासन दिया कि द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत किया जाएगा। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ एक अलग बैठक में, किन ने कहा, चीन भारत के साथ अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर ‘समन्वय व सहयोग’ को गहरा करने और संबंधों को विकास के ट्रैक पर वापस लाने का इच्छुक है।
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर भी उठाया सवाल
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर सवाल उठाते हुए विदेश मंत्री ने कहा, कनेक्टिविटी का अच्छा होना तरक्की के लिए बेहतर है, लेकिन इसे किसी देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की कीमत पर नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर भारत का था, है और हमेशा रहेगा।
अफगानिस्तान में बने समावेशी सरकार
जयशंकर ने अफगानिस्तान की ताजा स्थिति का जिक्र करते हुए वहां समावेशी और प्रतिनिधि सरकार सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि हमारे प्रयास से अफगान लोगों का कल्याण सुनिश्चित हो। वहां मानवीय सहायता, वास्तविक समावेशी और प्रतिनिधि सरकार का गठन, आतंकवाद और मादक तस्करी से मुकाबला हमारी प्राथमिकता में होना चाहिए। इसके अलावा वहां अल्पसंख्यकों, महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के संरक्षण पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।