गरुड़ स्पेशल फोर्स अमेरिकी और रूसी हथियारों से लैस, AK-203 राइफल तोड़ेगी दुश्मन का मुंह

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इंडिया रिपोर्टर लाइव

नई दिल्ली 22 दिसंबर 2022। सेना की विशेष गरुड़ इकाई अमेरिकी व रूसी हथियारों से लैस होगी। स्पेशल गरुड़ फोर्स को अमेरिकी सिग सॉयर और रूसी  AK-103 असॉल्ट राइफलों समेत नवीनतम हथियार मुहैया कराए गए हैं। गरुड़ इकाई आतंकवाद विरोधी और अन्य विशेष अभियानों में मुख्य भूमिका निभाती है। वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि भविष्य में मेड-इन-इंडिया AK-203 असॉल्ट राइफलें प्रदान की जाएंगी।

हम सभी बलों में सर्वश्रेष्ठ : कमांडेंट
गरुड़ रेजिमेंट के ट्रेनिंग सेंटर के कमांडेंट ने कहा कि हम सभी बलों में सर्वश्रेष्ठ हैं, चाहे वह किसी भी क्षेत्र में हो। यह कोई प्रतिस्पर्धा की बात नहीं है, लेकिन हर विशेष फोर्स मानती है कि हम श्रेष्ठ हैं भले ट्रेनिंग की बात हो या हथियारों की। मैं यह नहीं कहूंगा कि हम किसी से पीछे हैं, हम सभी सेनाओं भले वह विदेशी हो या देशी, हम सर्वश्रेष्ठ हैं। 

एलएसी पर तैनात हैं गरुड़ कमांडो, चीनी सेना पर पैनी नजर
हाल में आई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मई 2020 से ही भारतीय वायुसेना के गरुड़ स्पेशल फोर्स के कमांडो वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर विशेष अभियानों के लिए तैनात हैं। गरुड़ कमांडो चीन सीमा पर अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर चीनी सेना की गतिविधियों पर पैनी नजर रख रहे हैं। गरुड़ कमांडो को कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों और सैन्य अड्डों की सुरक्षा के लिए जाना जाता है। भारतीय वायुसेना ने एलएसी पर तैनात अपने विशेष बलों को AK-103 के साथ अमेरिकी सिग सॉर असॉल्ट राइफल जैसे उन्नत हथियारों से लैस किया है। इसका नवीनतम संस्करण AK-203 मेक इन इंडिया के तहत भारत में निर्मित किया जाएगा।

भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि गरुड़ स्पेशल फोर्स पूर्वी लद्दाख से लेकर सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश तक चीन सीमा के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात है, जहां वे जरूरत पड़ने पर विशेष अभियान चलाएंगे। उन्होंने कहा कि एलएसी पर इन गरुड़ कमांडो की तैनाती 2020 से ही है, जब भारतीय वायुसेना ने इस क्षेत्र में चीनी सेना के अतिक्रमण का मुकाबला करने के लिए बड़े पैमाने पर तैनाती की थी।

गरुड़ कमांडो उन्नत हथियार से लैस 
अधिकारियों ने बताया कि उन्नत हथियार जैसे सिग सॉर असॉल्ट राइफल, एके-सीरीज असॉल्ट राइफल और साथ ही इस्राइली तावोर राइफल गरुड़ कमांडो को मुहैया कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि जवानों के पास गैलिल स्नाइपर राइफल्स के साथ-साथ नेगेव लाइट मशीन गन भी हैं, जो 800-1000 मीटर की दूरी से दुश्मन सैनिकों को मार गिरा सकती हैं।

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