
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 28 अक्टूबर 2024। भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने भारत-चीन के बीच सीमा मुद्दे पर हुए समझौते को द्विपक्षीय संबंधों की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने हाल ही में रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर प्रझानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक का भी स्वागत किया। अलीपोव ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को एक समावेशी मंच बताया।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन पर अलीपोव ने की बात
भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा, “ब्रिक्स पश्चिम विरोधी नहीं बल्कि गैर-पश्चिम देशों का समूह है। यह 35 देशों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तारित प्रारूप में पहला ब्रिक्स शिखर सम्मेलन था। यह ग्लोबल साउत के लिए एक समर्पित मंच रहा है। यह वर्तमान वास्तविकताओं का प्रतिबिंब है। यह पश्चिम विरोधी प्लेटफॉर्म नहीं है, लेकिन यह एक गैर पश्चिमी प्लेटफॉर्म है। 40 से भी ज्यादा देशों ने इस प्लेटफॉर्म में शामिल होने की इच्छा जताई है।
भारत-चीन सीना मुद्दे पर हुए समझौते को बताया सकारात्मक प्रगति
भारत-चीन के बीच सीमा मुद्दे पर हुए समझौते को लेकर अलीपोव से सवाल किया गया। उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों की दिशा में एक सकारात्मक प्रगति है।” बता दें कि पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने 23 अक्तूबर को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त और सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर हुए समझौते का समर्थन किया था।
पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक के बारे में पूछे जाने पर रूसी राजदूत ने कहा, “हमने इसमें कोई भूमिका नहीं निभाई है, लेकिन हमें खुशी है कि यह कजान में हुई।” उन्होंने आगे कहा कि वे इस बैठक का तहे दिल से स्वागत करते हैं।