इंडिया रिपोर्टर लाइव
पटना 27 जुलाई 2022। : रेलवे भर्ती घोटाले में 13 साल बाद पहली गिरफ्तारी भोला यादव के रूप में हुई है। 2004-2009 के बीच लालू यादव जब रेल मंत्री थे तो भोला यादव ओएसडी यानी विशेष कार्य अधिकारी) थे। कहा जा रहा है कि सीबीआई को शक है कि भोला यादव ही पूरे घोटाले के मास्टरमाइंड हैं। जब लालू यादव रेल मंत्री थे तो बिहार के एक और नेता का जलवा दिल्ली के रेल मंत्रालय में कायम रहता था। वो थे लालू यादव के सहायक निजी सचिव विनोद श्रीवास्तव। फरवरी 2022 में जब लालू यादव को चारा घोटाले (डोरंडा कोषागार) में दोषी ठहराया गया तो विनोद फूट-फूटकर रोने लगे थे। विनोद श्रीवास्तव लंबे समय तक लालू यादव निजी सहायक भी रहे हैं। लालू यादव के साथ साए की तरह रहते थे। खैर, लालू यादव के बहुत सारे ‘हनुमानों’ में से फिलहाल भोला यादव को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। उन पर लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए जमीन के बदले नौकरी देने का आरोप है।
लालू यादव के सबसे बड़े राज़दार भोला यादव!
लालू यादव और उनके परिवार के जानने वाले भोला यादव को भोला बाबू कहते हैं। मीडिया में आमतौर पर उन्हें लालू का ‘हनुमान’ कहा जाता है। आरजेडी सुप्रीमो के साथ घर से एयरपोर्ट और अस्पताल से लेकर जेल के गेट तक भोला यादव व्हील चेयर पकड़े दिखते थे। पिछले दिनों जब लालू यादव पटना से रांची गए तो उनके साथ परिवार के सदस्य के तौर पर सिर्फ भोला यादव ही गए थे। बाद में आरजेडी चीफ को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि लालू परिवार और 10 सर्कुलर रोड में भोला बाबू की क्या हैसियत होगी? लालू यादव के सभी सुख सुविधा का ख्याल भोला यादव रखते हैं। लालू यादव की सेवा में किए किसी भी काम को छोटा नहीं मानते, बल्कि कर्तव्य समझकर निभाते हैं। भोला यादव की बात को राबड़ी, तेजस्वी और तेज प्रताप भी नहीं काटते हैं। भोला यादव की सियासी और निजी जिंदगी की बात करें तो दरभंगा जिले के कपछाही गांव के रहनेवाले हैं। मगध विश्वविद्यालय से गणित में स्नातकोत्तर हैं और पटना के पास फतुहा के एक कॉलेज में गेस्ट लेक्चरर हैं। आरजेडी में राष्ट्रीय महासचिव की हैसियत रखनेवाले भोला बाबू दरभंगा के बहादुरपुर से विधायक थे, मगर 2020 चुनाव में हार गए।