
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 08 फरवरी 2022। देश में पिछले साल आई कोरोना की भीषण दूसरी लहर के दौरान गंगा नदी में मिले शवों का मामला मंगलवार को राज्यसभा में उठा। सरकार से एक सवाल में पूछा गया था कि गंगा नदी में कितने शव बहाए गए थे? जवाब में केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री बिश्वेवर टुडू ने कहा कि ऐसा कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। गंगा में शव बहाए जाने का सवाल तृणमूल कांग्रेस के सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने पूछा था। इसके लिखित जवाब में मंत्री टुडू ने यह बात कही। ब्रायन ने पूछा था कि गंगा नदी में कितनी संख्या में शव बहाए गए थे और प्रोटोकाल के अनुसार उन्हें निकालकर अंतिम संस्कार के क्या इंतजाम किए गए थे?
अपने लिखित जवाब में मंत्री टुडू ने कहा, ‘अज्ञात व बगैर दावे के शव, जो जले हुए थे या आंशिक रूप से जले थे, गंगा नदी में पाए गए थे। उत्तर प्रदेश व बिहार के कुछ जिलों में ऐसी घटनाओं को लेकर मीडिया में रिपोर्ट आई थी। इसके बाद स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन (NMCG) और जल शक्ति मंत्रालय (MOJS) ने संबंधित राज्यों से इस बारे में रिपोर्ट मांगी थी। इसके साथ ही राज्यों को इन शवों के समुचित निपटारे, अंत्येष्टि आदि के भी निर्देश दिए गए थे, ताकि गंगा नदी का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।
मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल तथा जिला गंगा समितियों को परामर्श जारी कर कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक इन शवों का अंतिम संस्कार करने को कहा गया था। केंद्रीय मंत्री ने राज्यसभा को यह भी बताया कि नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत संचार व सार्वजनिक संपर्क के तहत, जिसमें मीडिया और प्रचार शामिल हैं, 126 करोड़ रुपये खर्च हुए। कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान बिहार और उत्तर प्रदेश में गंगा नदी में कथित तौर पर कई शव तैरते पाए गए थे।