इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 14 फरवरी 2022। 14 फरवरी का दिन जम्मू-कश्मीर की एक दुखद घटना के साथ दर्ज है. तीन बरस बीतें, लेकिन उस घटना के जख्म आज तक हरे हैं, जब आतंकवादियों ने इस दिन को देश के सुरक्षाकर्मियों पर कायराना हमला किया था. 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर केपुलवामा जिले (Pulwama Attack) के लेथपोरा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने घात लगाकर सीआरपीएफ के काफिले में घुसकर विस्फोटकों से लदी कार टकरा दी थी. इसके बाद सीआरपीएफ की बस में धमाका हो गया था. इस हादसे में 40 जवान शहीद हो गए थे, जबकि 70 जवान गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे.केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की है. नितिन गडकरी ने कू किया है कि 14 फरवरी 2019 को, पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में शहीद सभी वीर जवानों को विनम्र श्रद्धांजली एवं नमन. उनके बलिदान को देश नहीं भूलेगा।
बता दें कि 20 साल का आदिल अहमद डार इस हमले का सुसाइड बम्बर था, जिसका घर घटनास्थल से 10 किलोमीटर की दूरी पर था. उस दिन सीआरपीएफ का काफिला जम्मू ट्रांजिट कैम्प से अनंतनाग जा रहा था लेकिन बीच रास्ते में ही अहले सुबह चार बजे के करीब उसे शिकार बना लिया गया था. जांच में पता चला कि इस हमले की साजिश पाकिस्तान में बैठे जैश-ए-मोहम्मद के आकाओं ने रची थी लेकिन सीआरपीएफ के बस को निशाना बनाने का आइडिया काकापोरा के एक दुकानदार का था. पुलवामा आतंकी हमले के मामले में 13500 पेज की चार्जशीट फाइल की है, जिसमें इस दुकानदार का नाम शाकिर बशीर मागरे बताया गया है. चार्जशीट में कुल 19 आरोपियों के नाम हैं, जिनमें 6 मारे जा चुके हैं. 13 जीवित आरोपियों में सबसे ऊपर जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर और उसके दो भाइयों- रऊफ असगर मसूद और मौलाना अम्मार अली के नाम भी हैं. अमेरिकी एजेंसी FBI ने भी इस हमले के सबूत जुटाने में मदद की थी।