इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 08 जनवरी 2025। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने मंगलवार को कहा कि चीन और पाकिस्तान का अपनी वायुसेना को तेजी से बढ़ाना चिंताजनक है। वह 21वें सुब्रतो मुखर्जी सेमिनार (एयरोस्पेस में आत्मनिर्भरता : आगे का रास्ता) को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, जहां तक चीन का सवाल है सिर्फ संख्या ही नहीं, बल्कि तकनीक भी तेजी से बढ़ रही है। हमने हाल ही में नई पीढ़ी के लड़ाकू विमान की उड़ान देखी, जिसे उन्होंने स्टेल्थ लड़ाकू विमान के रूप में उतारा है। वायुसेना प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि अगर भारत का लक्ष्य एक विकसित देश बनना है तो मुझे लगता है कि एयरोस्पेस क्षेत्र इसमें अहम योगदान देगा। रक्षा एक ऐसा क्षेत्र है, जिसे विकसित करने की आवश्यकता है। हमें अपने विरोधियों को रोकने में सक्षम होने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली होने की जरूरत है ताकि हम अपनी प्रगति और विकास पर ध्यान केंद्रित कर सकें। उन्होंने कहा, हमें उत्तरी और पश्चिमी दोनों ही विरोधियों से चिंता है। दोनों ही अपनी वायु सेना को बहुत तेजी से बढ़ा रहे हैं, चाहे वह लड़ाकू प्लेटफॉर्म हो, इनेबलर हो, सिस्टम हो, नेटवर्किंग हो, रडार हो, वे बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं।
संबोधित करते हुए उन्होंने एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता पर बल दिया। एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा कि हमें बस यह पहचानने की जरूरत है कि हम उस ‘आत्मनिर्भर’ ट्रैक पर कैसे पहुंच सकते हैं। हम सभी को पता है कि ‘आत्मनिर्भरता’ रातोंरात हासिल नहीं की जा सकती। यह एक धीमी और जोखिमभरी प्रक्रिया है। लेकिन हम अभी तक इसे लेकर मिशन मोड में नहीं आए हैं।
आगे उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वडोदरा में सी-295 विमान निर्माण सुविधा का शुभारंभ करते समय ‘आत्मनिर्भर’ बनने के दृष्टिकोण का उल्लेख किया था। वहां उन्होंने कहा था कि आत्मनिरभर भारत के निर्माण के लिए “रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र दो महत्वपूर्ण स्तंभ होंगे। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि इन क्षेत्रों में प्राथमिक हितधारक के रूप में भारतीय वायु सेना हमेशा सबसे आगे रही है और ‘आत्मनिर्भरता’ में भारी निवेश कर रही है।