
इंडिया रिपोर्टर लाइव
गुवाहाटी 05 दिसंबर 2024। सरकार ने हाल ही में रेस्तरां, होटल, सार्वजनिक समारोहों और अन्य सामुदायिक स्थानों पर बीफ परोसने और खाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का एलान किया है। अब इस पर सियासी विवाद गहरा गया है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और कांग्रेस ने जमकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा को घेरा। उन्होंने कहा कि आरएसएस नेताओं ने कहा है कि इस देश में भोजन पर प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। साथ ही पूछा कि अगर उन्होंने असम में प्रतिबंध लगाया है तो गोवा, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम, मणिपुर में क्यों नहीं लगाया गया, जहां उनकी सरकारें हैं?
‘भोजन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए’
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा, ‘मुझे नहीं पता यह क्या फैसला है। मगर, आरएसएस नेताओं ने कहा है कि इस देश में भोजन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए। अगर उन्होंने असम में प्रतिबंध लगाया है तो गोवा, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम, मणिपुर में क्यों नहीं लगाया गया, जहां उनकी सरकारें हैं? आपने वहां बीफ पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया? कर दो। केवल असम ही क्यों?’
‘कुछ राजनीतिक ब्राउनी पॉइंट मिलने की उम्मीद’
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘यह सरकार को फैसला लेना है। इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है। गौर करने वाली बात यह है कि मुख्यमंत्री को उम्मीद है कि उन्हें विपक्ष पर लगाए गए आरोपों के आधार पर कुछ राजनीतिक ब्राउनी पॉइंट मिलने की उम्मीद है। इसलिए, यह एक विकल्प है जिसे उन्हें चुनना था और उन्होंने विकल्प बना लिया है। लेकिन अगर वह इससे कोई राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं, तो उन्हें याद रखना चाहिए कि झारखंड के प्रभारी के रूप में, वह सिर्फ एक चुनाव हारने में कामयाब रहे, जब उन्होंने इसे हिंदू बनाम मुस्लिम के बारे में बताया।’
शर्मनाक हार को छिपाने की कोशिश: गोगोई
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, ‘झारखंड में, भाजपा को हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। वह अपनी हार और शर्मनाक हार को छिपाने के लिए आज यह साजिश रची जा रही है। मेरा मानना है कि जिस तरह से झारखंड के लोगों ने नफरत और घुसपैठियों की राजनीति को हराया, उसी तरह आने वाले चुनाव में, असम के लोग हिमंत बिस्वा सरमा की भ्रष्ट सरकार को दंडित करेंगे।’