इंडिया रिपोर्टर लाइव
पेरिस 21 फरवरी 2022। यूक्रेन और रूस के बीच तनाव और युद्ध की आशंकाओं को लगातार कम करने की कोशिशें हो रही हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं. रविवार को फ्रांस के राष्ट्रपति के आधिकारिक भवन की ओर से एक बयान जारी कर बताया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मुलाकात के लिए तैयार हो गए हैं. बयान में कहा गया है कि बाइडेन और पुतिन, मैक्रों की ओर से प्रस्तावित किए गए शिखरवार्ता को लेकर तैयार हो गए है. मैक्रों ने अपने प्रस्ताव में यूरोप में सुरक्षा और रणनीतिक स्थिरता पर चर्चा करने की बात रखी है. हालांकि, इस प्रस्ताव के साथ यह शर्त रखी गई है कि यह मुलाकात रूस के यूक्रेन पर हमला नहीं करनेे की सूरत में होगी। इमैनुअल मैक्रों ने यूरोप की शांति और सुरक्षा के लिए पुतिन और बाइडेन से कई बार यूक्रेन की स्थिति को लेकर संपर्क किया था. पुतिन ने मैक्रों को भरोसा दिया था कि वो यूक्रेन पर हमला नहीं करेगा. जबकि अमेरिका की तरफ से चिंता जताई जा रही थी कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है।
रविवार को जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि ‘राष्ट्रपति मैक्रों ने राष्ट्रपति बाइडेन, राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन संकट से जुड़े सभी हितधारकों के बीच एक शिखरवार्ता कराने का प्रस्ताव दिया, जिससे यूरोप की सुरक्षा और रणनीतिक स्थिरता पर चर्चा की जा सके। इस बयान में बताया गया कि बाइडेन और पुतिन दोनों ने इस समिट के लिए हामी भर दी है. इस समिट की तैयारी के लिए 24 फरवरी को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव मिल रहे हैं. इस दौरान शिखर वार्ता का मसौदा तैयार किया जाएगा. रूस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रां सभी पक्षों के साथ मिल कर यूक्रेन संकट पर की जा रही शिखर वार्ता के दौरान चर्चा के विषय तैयार करेंगे.
बता दें कि इसके पहले अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रविवार को कहा था कि राष्ट्रपति जो बाइडन युद्ध को टालने के लिए अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ किसी भी स्थान और समय में किसी भी प्रारूप में बातचीत करने के लिए तैयार हैं. ब्लिंकन ने ‘सीएनएन’ के साथ एक इंटरव्यू में कहा था कि ‘जैसा कि हमने पहले ही कहा है कि हमले की ओर ले जाने वाली हर चीज होती प्रतीत हो रही है. हम मानते हैं कि राष्ट्रपति पुतिन ने निर्णय ले लिया है, हालांकि, जब तक टैंक वास्तव में आगे नहीं बढ़ते और विमान उड़ान नहीं भरते, तब तक हम हर अवसर का उपयोग करेंगे. हम हर मौके का इस्तेमाल करेंगे और यह देखेंगे कि क्या कूटनीति अभी भी राष्ट्रपति पुतिन को इस कदम को आगे बढ़ाने से रोक सकती है?’