
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 28 फरवरी 2022। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा कि डाटा संरक्षण कानून के मसौदे पर विभिन्न पहलुओं और सुझावों को लेकर विस्तृत बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि जटिल मुद्दों का जल्द ही समाधान निकल आएगा और मानसून सत्र में इसे संसद की मंजूरी भी मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा डाटा संरक्षण कानून के मसौदे को रद्द करने की कोई योजना नहीं है और इस पर संबंधित पक्षों से मिले सुझावों के आधार पर जटिल मुद्दों का हल निकलने की उम्मीद है। इस मसले पर संसदीय समिति के स्तर पर भी चर्चा हो रही है। डाटा संरक्षण बिल में नागरिकों के निजी डाटा को सुरक्षित रखने के लिए प्रावधान करने के अलावा डाटा संरक्षण प्राधिकरण के गठन का भी प्रस्ताव है।
इसमें यह प्रावधान है कि कोई भी कंपनी व्यक्ति की सहमति के बिना उससे जुड़ी निजी जानकारियों का इस्तेमाल नहीं कर सकती है। निजी डाटा संरक्षण विधेयक, 2019 पर गठित संसद की संयुक्त समिति ने 16 दिसंबर, 2021 को संसद के दोनों सदनों में अपनी रिपोर्ट पेश की थी जिसमें विभिन्न पहलुओं पर मत व्यक्त किए गए थे।
उन्होंने कहा कि डाटा संरक्षण पर चर्चाओं के बाद तैयार रिपोर्ट काफी समग्र है। उन्होंने कहा कि यह एक जटिल मामला है और इसका हल निकालने की जरूरत है। उम्मीद है कि जल्द ही हल निकाल लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बिल को पास कराने का हमने बजट सत्र का ही लक्ष्य रखा था लेकिन मानसून सत्र तक हमें इसके पूरा होने की उम्मीद है। विधेयक में सरकार को अपनी जांच एजेंसियों को अधिनियम के प्रावधानों से कुछ खास रियायतें देने की बात भी कही गई है। इसका विपक्षी दलों के सदस्यों ने विरोध करते हुए अपनी असहमति भी जताई।