इस वर्ष दुर्गा पूजा में मूर्ति एवं पंडाल के आकार से लेकर विसर्जन तक करना होगा नियमों का पालन: कलेक्टर द्वारा नवरात्रि पर्व हेतु दिशा निर्देश जारी

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इंडिया रिपोर्टर लाइव

अम्बिकापुर 23 सितम्बर 2020। कलेक्टर संजीव कुमार झा के द्वारा नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए नवरात्र पर्व के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया गया है। जारी निर्देशानुसार मूर्ति की ऊंचाई एवं चौड़ाई 6 गुणा 5 फीट से अधिक न हो। मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15 गुणा 15 फीट से अधिक न हो। पंडाल के सामने कम से कम 3000 वर्ग फीट की खुली जगह हो। पंडाल एवं सामने 3000 वर्ग फीट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित न हो। एक पंडाल से दूसरे पंडाल की दूरी 250 मीटर से कम न हो। मंडप, पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने हेतु पृथक से पंडाल न हो, दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने हेतु कुर्सी नहीं लगाये जायेंगे। किसी भी एक समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 20 व्यक्ति से अधिक न हो।

मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर संधारित करेंगे जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम पता मोबाईल नंबर दर्ज किया जायेगा ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कांन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। मूर्ति स्थापना करने वाले व्यक्ति अथवा समिति 04 सीसीटीवी लगायेगा ताकि उनमें से कोई भी यक्ति कोराना संकमित होने पर कांन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जायेगा ऐसा पाये जाने पर संबंधित एवं समिति के विरूद्व वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सैनेटाइजर थर्मल स्क्रिनिंग, आक्सीमीटर, हैंडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जायेगी। थर्मल स्क्रिनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी। व्यक्ति अथवा समिति द्वारा फिजिकल डिसटेंसिंग आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बांस बल्ली से बेरिकेटिंग कराकर कराया जायेगा।

यदि कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संकमित हो जाता है तो ईलाज का संपूर्ण खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति अथवा समिति द्वारा किया जायेगा। कन्टेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी। यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कन्टेनमेंट जोन घोषित हो जाता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी। मूर्ति स्थापना के दौरान, विर्सजन के समय अथवा विर्सजन के पश्चात् किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नही होगी। मूर्ति स्थापना के दौरान, विर्सजन के समय अथवा विर्सजन के पश्चात् किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र या डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना एवं विर्सजन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी।

मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप, टाटाएस (छोटाहाथी) से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा। मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए 04 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं वे मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे। पृथक से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए प्रयुक्त वाहन पंडाल से लेकर विर्सजन स्थल तक रास्ते में कहीं रोकने की अनुमति नहीं होगी।  विर्सजन के लिए नगर पालिक निगम, नगर पंचायत द्वारा निर्धारित रूट मार्ग एवं तिथि एवं समय का पालन करना होगा। शहर के व्यस्त मार्गों से मूर्ति विसर्जन वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं होगी। सामान्य रूप से सभी वाहन रिंग रोड़ के माध्यम से ही गुजरेंगे। विसर्जन के मार्ग में कहीं भी स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। सूर्यास्त के पश्चात् एवं सूर्यादय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रकिया की अनुमति नहीं होगी। उपरोक्त शर्तों के साथ घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी, यदि घर से बाहर मूर्ति स्थापित किया जाता है, तो कम से कम 07 दिवस पूर्व नगर पालिक निगम, नगर पंचायत कार्यालय में निर्धारित शपथ पत्र मय आवेदन देना होगा एवं अनुमति प्राप्त होने के उपरांत ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी।

पंडालों के लिए पहले आओ पहले पाओ नीति के तहत् जो आवेदन पहले प्राप्त होगा उसे पहले प्राथमिकता दिया जावेगा। इन सभी शर्तों के अतिरिक्त भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेश 04 जून 2020 के अंतर्गत जारी एसओपी का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा। यह निर्देश तत्काल प्रभावशील होगा तथा निर्देश का उल्लंघन करने पर एपीडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकुल अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्यवाही की जाएगी।

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