इंडिया रिपोर्टर लाइव
मुंबई 26 मार्च 2022। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने इलेक्शन कमीश ने आगामी चुनावों की तारीख घोषित करने की अपील की है। चतुर्वेदी ने कहा कि चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही फ्यूल प्राइस ‘डिरेगुलेशन से रेगुलेशन मोड’ में आ जाएगी। इससे देशवासियों को ईंधन की कीमतों में लगती आग से राहत मिलेगी। उन्होंने ट्वीट करके कहा.. ‘चुनाव = ईंधन मूल्य कोई वृद्धि नहीं।
मालूम हो कि पेट्रोल और डीजल की कीमत में शनिवार को 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई। तेल कंपनियां कच्चे माल की कीमत में बढ़ोतरी का भार उपभोक्ताओं पर डाल रही हैं, जिसके चलते पिछले पांच दिन में चौथी बार कीमत में बढ़ोतरी की गई है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों की तरफ से जारी मूल्य संबंधी अधिसूचना के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 97.81 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर अब 98.61 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.07 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 89.87 रुपये प्रति लीटर हो गई है।
साढ़े चार महीने तक स्थिर रही पेट्रोल-डीजल की कीमत
पेट्रोल और डीजल की कीमत साढ़े चार महीने तक स्थिर रहने के बाद 22 मार्च को 80 पैसे बढ़ाई गई थी। इसके बाद से इनकी कीमतों में प्रति लीटर 80-80 पैसे की तीन बार बढ़ोतरी की गई। इन कुल चार बार में पेट्रोल और डीजल के दाम में कुल 3.20 प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले चार नवंबर, 2021 से ही पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें स्थिर बनी हुई थीं। हालांकि, इस अवधि में कच्चे तेल की कीमत 30 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गई थी।
चुनाव बाद कुछ दिन रुकी रहीं पेट्रोलियम कंपनियां
विधानसभा चुनाव के 10 मार्च को नतीजे आने के साथ ही पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन पेट्रोलियम कंपनियों ने कुछ दिन और इंतजार किया। ऐसा कहा जा रहा है कि अब पेट्रालियम विपणन कंपनियां अपने घाटे की भरपाई कर रही हैं। भारत अपनी तेल की जरूरत पूरी करने के लिए आयात पर 85 फीसदी निर्भर है।