
इंडिया रिपोर्टर लाइव
भोपाल 25 अप्रैल 2022। मध्य प्रदेश में बिजली संकट के बाद अब जल संकट खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पेयजल की स्थिति को लेकर चिंता जताई। उन्होंने सोमवार सुबह 6.30 पीएचई विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई और नियमित जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान देर रात नसरुल्लागंज का दौरा कर लौटे और उसके बाद उन्होंने सुबह पीएचई विभाग के अधिकारियों की बैठक बुला ली। अधिकारियों से नियमित जल आपूर्ति सुनिश्चित करने को लेकर शाम तक एक्शन प्लान मांगा है। बैठक में पीएस टू सीएम मनीष रस्तोगी, पीएस पीएचई मलय श्रीवास्तव, एमडी जल निगम तेजस्वी नायक, कमिश्नर भोपाल गुलशन बामरा, ईइनसी पीएचई, सीहोर कलेक्टर सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में मुख्यमंत्री ने गर्मी के मौसम में पेयजल और पानी की सुचारू सप्लाई को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि फील्ड में पेयजल की स्थिति में सुधार की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नियमित जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वोल्टेज की प्रॉब्लम के कारण पानी नहीं दे पाना चिंताजनक है। उन्होंने पीएचई विभाग के अधिकारियों को बिजली विभाग से समन्वय कर जल उपलब्ध कराने को कहा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मेरे मन में तकलीफ है लोगों को पानी समय पर नहीं मिल पा रहा है। यह आपकी ड्यूटी है यदि कोई समस्या हो तो समय पर बताएं। जितना इफ्रांस्टचर बना हो उसका उपयोग कर पानी दें। जहां आवश्यक हो पानी का परिवहन कराएं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस टीम की ड्यूटी है कि पानी हर घर में उपलब्ध हो। समस्याग्रस्त इलाको में टेम्पररी और स्थायी समाधान के प्रयास किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के योजनाओं का आकलन कर इंप्रू करें। ग्राउंड लेवल तक अमले को अलर्ट मोड पर रखे। अमले की और जरूरत है तो आवश्यकतानुसार पूर्ति करें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि लो प्रेशर बिजली के कारण टंकियों में पानी नहीं भर पाने जैसी समस्याओं और गैप्स को चिन्हित कर तत्काल समाधान किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारीगण मैदानी स्तर की केवल अच्छी पिक्चर ही नहीं दिखाए, समस्याओं की भी जानकारी भी दें। समस्याओं का समाधान करना और आवश्यक समन्वय कर हल निकालना हमारी जिम्मेदारी भी है और धर्म भी है। उन्होंने अधिकारियों की शाम की भी बैठक बुलाई।