इंडिया रिपोर्टर लाइव
पटना 10 मई 2022। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को घोषणा की कि वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की जनगणना के लिए बिहार से दिल्ली तक पदयात्रा शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर दबाव बनाने के लिए वह पदयात्रा शुरू करेंगे। पटना में पत्रकारों से बात करते हुए बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि राजद के प्रयासों से ही बिहार विधानसभा के दोनों सदनों द्वारा जाति जनगणना के समर्थन में दो बार प्रस्ताव पारित किया गया।
तेजस्वी उन सवालों पर प्रतिक्रया दे रहे थे, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जाति जनगणना के लिए कराए जाने वाले राज्य-आधारित सर्वेक्षण में देरी के लिए कोरोना महामारी को जिम्मेदार ठहराया। राजद नेता ने कहा, ‘‘अब तो ऐसा लगता है कि हमारे पास सड़कों पर उतरने और बिहार से दिल्ली तक पदयात्रा निकालने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है।’’
तेजस्वी ने कहा, “मैं केवल इतना कह सकता हूं कि राजद और लालू जी की पहल पर विधानसभा और विधान परिषद में दो बार प्रस्ताव पारित किए गए और जाति जनगणना की मांग को लेकर मोदी सरकार पर दबाव बनाने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिला, इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व नीतीश कुमार ने किया था। तेजस्वी यादव ने अपने इस बयान से पहले सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि राजद “बिहार में किसी भी जनगणना कार्य की अनुमति नहीं देगा जब तक कि केंद्र जाति जनगणना की मांग पर सहमत नहीं हो जाता”। वहीं, केंद्र ने संसद के पटल पर कहा है कि एससी और एसटी के अलावा अन्य जातियों की गणना करने की उसकी कोई योजना नहीं है।
बिहार में संख्यात्मक रूप से शक्तिशाली ओबीसी राजनीतिक परिदृश्य पर हावी हैं। इसलिए लालू प्रसाद और नीतीश कुमार जैसे कट्टर प्रतिद्वंद्वी इस मुद्दे पर एक ही सुर में सुर मिला रहे हैं। पिछली बार एक व्यापक जाति जनगणना एक सदी पहले 1921 में की गई थी। इसलिए ओबीसी नेताओं का मानना है कि तब से कुल आबादी में अन्य पिछड़े वर्गों का अनुपात काफी बढ़ा है।