नोटबंदी मामले की समीक्षा करेगा सुप्रीम कोर्ट, केंद्र सरकार और आरबीआई से मांगा हलफनामा

Indiareporter Live
शेयर करे

इंडिया रिपोर्टर लाइव

नई दिल्ली 12 अक्टूबर 2022। सुप्रीम कोर्ट में साल 2016 में हुई नोटबंदी की संवैधानिक वैधता पर बुधवार को सुनवाई हुई। याचिका पर कोर्ट ने केंद्र सरकार और आरबीआई से विस्तृत हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई नौ नवंबर को होगी। बता दें कि साल 2016 में केंद्र सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने का ऐलान किया था, जिसके खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए बुधवार को कहा कि वह सरकार के नीतिगत फैसलों की न्यायिक समीक्षा पर ‘लक्ष्मण रेखा’ से अवगत है, लेकिन यह तय करने के लिए 2016 के नोटबंदी के फैसले की जांच करनी होगी कि क्या यह मुद्दा केवल “अकादमिक” अभ्यास बन गया है। पांच जजों के एस ए नज़ीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जब संविधान पीठ के सामने कोई मुद्दा उठता है, तो जवाब देना उसका कर्तव्य है।

अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने कहा कि जब तक नोटबंदी पर एक्ट को उचित तरीके से चुनौती नहीं दी जाती, तब तक यह मुद्दा अनिवार्य रूप से अकादमिक रहेगा। विमुद्रीकरण अधिनियम 1978 में कुछ उच्च मूल्य के नोटों के विमुद्रीकरण के लिए जनहित में प्रदान करने के लिए पारित किया गया था ताकि अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक पैसों के अवैध ट्रांसफर की जांच की जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह घोषित करने के लिए कि क्या यह एकेडेमिक है या निष्फल है, उसे मामले की जांच करने की जरूरत है क्योंकि दोनों पक्ष सहमत नहीं हैं।  कोर्ट ने कहा, ”मुद्दे का जवाब देने के लिए, हमें सुनवाई करनी होगी।”कोर्ट की बेंच ने कहा, “हम हमेशा जानते हैं कि लक्ष्मण रेखा कहां है, लेकिन जिस तरह से इसे किया गया था, उसकी जांच की जानी चाहिए। हमें यह तय करने के लिए वकील को सुनना होगा।” उधर, केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शैक्षणिक मुद्दों पर अदालत का समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।

मेहता की दलील पर आपत्ति जताते हुए याचिकाकर्ता विवेक नारायण शर्मा का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि वह ‘संवैधानिक पीठ के समय की बर्बादी’ जैसे शब्दों से हैरान हैं, क्योंकि पिछली बेंच ने कहा था कि इन मामलों को एक संविधान बेंच के समक्ष रखा जाना चाहिए। एक पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पी. चिदंबरम ने कहा कि यह मुद्दा अकादमिक नहीं है और इसका फैसला शीर्ष अदालत को करना है। उन्होंने कहा कि इस तरह की नोटबंदी के लिए संसद के एक अलग एक्ट की आवश्यकता है। बता दें कि 16 दिसंबर, 2016 को तत्कालीन सीजेआई टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने नोटबंदी की वैधता वाली याचिका को पांच न्यायाधीशों की एक बड़ी बेंच के पास भेज दिया था। 

Leave a Reply

Next Post

साउथ अफ्रीका के दिग्गज पेसर का दावा: 'सूर्यकुमार यादव में दिखती है एबी डिविलियर्स की झलक'

शेयर करे इंडिया रिपोर्टर लाइव नई दिल्ली 12 अक्टूबर 2022। साउथ अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज डेल स्टेन ने भारतीय मध्यक्रम बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव की तुलना एबी डिविलियर्स से की है। स्टेन का मानना है कि भारत का यह 360 डिग्री बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया में होने जा रहे आगामी टी20 वर्ल्ड […]

You May Like

भारत के सख्त एक्शन पर से पाक में खलबली, राजनयिक संबंधों पर बुलाई NSC बैठक....|....देश का सबसे बड़ा ऑपरेशन: नक्सलियों की खैर नहीं, 1,000 को घेरा, 5 को किया ढेर....|....पाकिस्तान नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने के आदेश, अटारी बाॅर्डर पर लगी भीड़....|....उधमपुर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़, सेना का एक जवान बलिदान; गोलीबारी जारी....|....पहलगाम हमले पर पाक फिल्म इंडस्ट्री से आया पहला रिएक्शन, इस एक्ट्रेस ने जताया दुख; बोलीं- दर्द सिर्फ उनका नहीं....|....'ISIS कश्मीर' ने भारतीय कोच गौतम गंभीर को दी जान से मारने की धमकी, दिल्ली पुलिस से की शिकायत....|....आईसीएल फिनकॉर्प ने की 100 करोड़ रुपये के एनसीडी की घोषणा ....|....पहलगाम आतंकी हमला: कांग्रेस ने कहा – दोषियों को मिले सख्त सजा, पीड़ितों को न्याय मिले....|....पहलगाम हमले के बाद भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट, बढ़ाई गई चौकसी....|....पहलगाम आतंकी हमले से पूरी दुनिया स्तब्ध, मुस्लिम देशों का पाकिस्तान को कड़ा संदेश-"हम भारत के साथ"