इंडिया रिपोर्टर लाइव
रांची 20 दिसंबर 2022। झारखंड में 77 फीसदी आरक्षण और स्थाई निवासी (domicile bill) विधेयक पर केंद्र सरकार की मंजूरी बाकी है। सीएम हेमंत सोरेन इन विधेयकों को केंद्र के पास भेजने की मांग को लेकर आज रांची में राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात करेंगे। सोरेन ने राज्य के सभी दलों के व निर्दलीय विधायकों से राजभवन पहुंचने की गुजारिश की है। इन दोनों विधेयकों को झारखंड विधानसभा ने पारित कर दिया है। राज्यपाल से इन दोनों विधेयकों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र को भेजने का अनुरोध किया जाएगा। आरक्षण विधेयक को मंजूरी के बाद राज्य में नौकरियों में आरक्षण बढ़कर 77 फीसदी हो जाएगा। सीएम सोरेन के नेतृत्व में झारखंड के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से आग्रह करेगा कि इन दोनों विधेयकों को जल्द मंजूरी के लिए केंद्र को भेज दिया जाए।
11 नवंबर को झारखंड विधानसभा द्वारा पारित झारखंड पदों और सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2022 से एसटी, एससी, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण का कोटा वर्तमान के 60 फीसदी से बढ़कर 77 फीसदी हो जाएगा। पिछले माह संपन्न विधानसभा के विशेष सत्र में एक अन्य विधेयक झारखंड के मूल निवासी की परिभाषा नए सिरे से तय करने को लेकर था। इसके तहत राज्य के मूल निवासी प्रमाण पत्र के लिए भूमि रिकॉर्ड का आधार वर्ष 1932 किया गया है। ध्वनिमत से पारित दोनों विधेयकों में प्रावधान किया गया है कि ये संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किए जाने के बाद ही लागू होंगे।
झारखंड सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि दोनों विधेयकों को राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। व्यापक जनहित और राज्य के हित में मुख्यमंत्री चाहते हैं कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिले और उनसे अनुरोध करें कि वे इन विधेयकों को जल्द केंद्र को भेज दें, ताकि उन्हें जल्द ही कानून में परिवर्तित किया जा सके।