सर्दी में फ्लू-निमोनिया भी बढ़ा, कोरोना जांच जरूरी, जागरूक करने के लिए राज्यों को सलाह

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इंडिया रिपोर्टर लाइव

नई दिल्ली 29 दिसंबर 2022। इन दिनों सर्द मौसम में कोरोना के साथ साथ फ्लू और निमोनिया जैसे दूसरे संक्रमण भी काफी सक्रिय हैं। ऐसे में जो लोग लक्षण होने के बावजूद कोरोना जांच से खुद को दूर रख रहे हैं, उन्हें आगे चलकर काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है। नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने राज्यों को सलाह दी है कि कोरोना जांच के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाई जाए ताकि पहले की तरह लोग चिंतित होकर खुद से अपना इलाज शुरू न कर दें। साथ ही, बगैर जांच किसी भी बीमारी का दावा करना गलत होगा और स्वतः दवाएं लेने से काफी नुकसान हो सकता है। महामारी की पिछली लहरों में लोगों ने ऐसा किया भी था। आईसीएमआर के वरिष्ठ संक्रामक रोग विशेषज्ञ ने कहा, दूसरे देशों में कोरोना की नई लहर है, लेकिन हमारे यहां स्थिति नियंत्रण में है।

इसके बीच यह भी देखने को मिल रहा है कि कोरोना जांच कराने में लोग सहयोग नहीं कर रहे हैं। जिन्हें अलग अलग लक्षण हैं, वे जांच नहीं करा रहे हैं जबकि वे नहीं जानते कि इस समय तमाम तरह के फ्लू, निमोनिया भी सक्रिय हैं। अगर किसी को स्वाइन फ्लू की परेशानी है और वह खुद को कोविड संक्रमित मानते हुए घर में क्वारंटाइन है तो उसकी परेशानी बढ़ सकती है क्योंकि दोनों बीमारियों के लक्षण काफी हद तक समान हो सकते हैं लेकिन इलाज या अन्य प्रोटोकॉल एक जैसे नहीं है। 

जांच से खौफ खाते हैं मरीज
नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पूर्व पल्मोनरी विभागाध्यक्ष व पीएसआरआई अस्पताल के चेयरमैन डॉ. जीसी खिल्लानी ने बताया, हमारे यहां निमोनिया रोगियों की काफी संख्या है। इनके अलावा दूसरे फ्लू से संक्रमित रोगी भी हैं। कई बार संदेह के चलते रोगी को कोरोना जांच की सलाह दी जाती है लेकिन यह सुनकर हैरानी होती है कि वे जांच कराने से बेहतर घर पर दवाएं लेना पसंद करते हैं। उन्हें लगता है कि अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ेगा जबकि हमारा प्रोटोकॉल भी कहता है कि अगर मरीज को परेशानी नहीं है तो उसे भर्ती होने की जरूरत भी नहीं है।

खुद दवाएं लेने के घातक परिणाम
आईसीएमआर के पूर्व संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. समीरन पांडा का कहना है, खुद दवाएं लेने के घातक परिणाम होते हैं और 2021 की लहर में हम सबने इनका अनुभव भी किया है। लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। इसमें सतर्कता, जांच, निगरानी और उपचार सभी शामिल हैं।

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