
इंडिया रिपोर्टर लाइव
गोवा 29 नवंबर 2022। तेलुगु फिल्मों के मेगास्टार चिरंजीवी ने 53वें अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में कहा कि अगर किसी के मन में अभिनय या सिनेमा उद्योग में आने की ख्वाहिश है तो इसमें जरूर आएं। यह पूरी तरह से भ्रष्टाचार रहित पेशा है। यहां किए काम के लिए आपकी अंतरात्मा को कभी कोई अपराध बोध नहीं होगा। अगर आपके पास प्रतिभा है तो आप यहां दिखा सकते हैं और आसमान की ऊंचाई छू सकते हैं। चिरंजीवी को सोमवार को फिल्म महोत्सव के दौरान 2022 के इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। फिल्म महोत्सव के आखिरी दिन पुरस्कार ग्रहण करने के बाद चिरंजीवी ने सरकार और फिल्म उद्योग का आभार व्यक्त करते हुए कहा, मैं अपना सिर झुकाता हूं और आप में से हर एक को धन्यवाद देता हूं। सम्मान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा, मैं हमेशा अपने माता-पिता का आभारी रहूंगा, जिन्होंने मुझे कोनिदेला शिव शंकर वरा प्रसाद के रूप में जन्म दिया।
वसुधैव कुटुम्बकम का जीवंत अवतार : अनुराग ठाकुर
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने महोत्सव के समापन पर कहा, 53वें अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म महोत्सव के दौरान दर्शकों के लिए सिनेमा की एक बारीक दुनिया सामने आई। इस दौरान ने केवल हमारा मनोरंजन हुआ, बल्कि फिल्म उद्योग से जुड़ी बारिकियों की शिक्षा भी मिली।
उन्होंने कहा कि उत्सव में प्रदर्शित विविधता ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का जीवंत अवतार है, जो दुनिया भर के रचनात्मक विचारकों, फिल्म निर्माताओं, सिनेमा प्रेमियों और सांस्कृतिक उत्साही लोगों को एक छत के नीचे एक साथ लाती है।
नौ दिन में 282 फिल्मों की स्क्रीनिंग
फिल्म महोत्सव में बीते नौ दिन में 282 फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई। महोत्सव में दुनियाभर के 78 देशों से 65 अंतरराष्ट्रीय और 15 भारतीय भाषाओं में 183 अंतरराष्ट्रीय व 97 भारतीय फिल्मों को प्रदर्शित किया गया। 20 से अधिक मास्टरक्लास, इन-कन्वर्सेशन सेशन और सेलेब्रिटी इवेंट्स आयोजित किए गए।
संस्कृत फिल्म यानम में दिखा मंगलयान का सफर
फिल्म महोत्सव के आखिरी दिन भारतीय पैनरोमा खंड के तहत प्रदर्शित संस्कृत भाषा की गैर-फीचर फिल्म यानम में इसरो के मंगलयान के सफर को दिखाया गया। यह फिल्म पूर्व इसरो अध्यक्ष पद्म भूषण डॉ. के राधाकृष्णन की आत्मकथात्मक माई ओडिसी: मेमोयर्स ऑफ द मैन बिहाइंड द मंगलयान मिशन पर आधारित है।
आयुष्मान ने तोड़ी हिंदी सिनेमा की परंपरा, अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की जूरी ने बताया ‘गेम चेंजर’

बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना अपने शानदार अभिनय और पाथ ब्रेकिंग फिल्मों के कारण जाने जाते हैं। हाल ही में, अभिनेता को मिले एक सम्मान के बाद उनकी उपलब्धि में चार चांद लग गए हैं। बता दें कि इस खुब्बू अभिनेता को गोवा में चल रहे 53वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में हिंदी सिनेमा का परंपरा तोड़ने वाला और ‘गेम चेंजर’ अभिनेता होने का सम्मान दिया गया। अवॉर्ड मिलने के बाद आयुष्मान बेहद उत्साहित नजर आए। इस मौके पर उन्होंने सभागार में मौजूद सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर आभार व्यक्त करते हुए आयुष्मान खुराना ने कहा, “यह अवॉर्ड मेरे लिए बहुत मायने रखता है, इस अवॉर्ड के लिए मैं उन सभी लोगों का आभार व्यक्त करता हूं, जो मेरी इस जर्नी में मेरे साथ रहे”। आयुष्मान ने आगे कहा कि ‘मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने मुझे इस लायक समझा। यह अवॉर्ड एक मान्यता है, स्वीकृति है। हम सब अपने जीवन में अपने काम के लिए स्वीकृति चाहते हैं’।
आयुष्मान ने अपने फिल्मी सफर के बारे में बात करते हुए कहा, “मैंने इस इंडस्ट्री में एक दशक का सफर पूरा कर लिया है। मैंने अपनी फिल्मों के माध्यम से सामाजिक, सांस्कृतिक विषयों को उठाने की कोशिश की है और आगे भी करता रहूंगा। मुझे आज यह अवॉर्ड प्राप्त कर अच्छा लग रहा है”। अंत में, मेजबान के रूप में, समीर कोचर के आग्रह पर आयुष्मान ने अपनी पहली फिल्म ‘विक्की डोनर’ से ‘पानी दा रंग’ की दो पंक्तियां गाईं। जिसके बाद सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।