नई दिल्ली : भारत ने सोमवार को कहा कि वह 23 अक्टूबर को करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर को तैयार है, लेकिन इसके साथ ही कहा कि यह बेहद निराशाजनक है कि पड़ोसी देश गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने के लिए हर श्रद्धालु से 20 डॉलर (लगभग 1420 रुपये) का शुल्क वसूलने पर अड़ा हुआ है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान ने समझौते पर हस्ताक्षर करने पर सहमति जताई है और हम पाकिस्तान सरकार से समझौते पर हस्ताक्षर को तैयार हैं। साथ ही हम भारतीय श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पाकिस्तान द्वारा लगाए गए शुल्क को हटाने के लिए पड़ोसी देश से पुनर्विचार का अनुरोध कर रहे हैं। बयान में कहा गया कि भारत समझौते पर संशोधन के लिए हर समय तैयार है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह बेहद निराशाजनक है कि बारबार के अनुरोध के बाद भी श्रद्धालुओं से शुल्क को लेने पर पाकिस्तान अड़ा है। श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए पड़ोसी देश को इस तरह का शुल्क नहीं लगाना चाहिए। विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत और पाकिस्तान दोनों सेवा शुल्क के मामले को छोड़कर गलियारे पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं। भारत की ओर से पाकिस्तान सरकार को बता दिया गया है कि हम 23 अक्टूबर को समझौते पर हस्ताक्षर के लिए तैयार हैं।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 नवंबर को भारत की तरफ से करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को घोषणा की कि उनका देश बहुप्रतीक्षित करतारपुर कॉरिडोर को नौ नवंबर को खोलेगा। यह प्रस्तावित कॉरिडोर करतारपुर के दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक धर्मस्थल से जोड़ेगा जिससे भारतीय श्रद्धालु वीजा मुक्त आवाजाही कर पाएंगे। श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब जाने के लिए बस एक परमिट लेना होगा।