
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 22 दिसंबर 2023। आठ महीने पहले अप्रैल में भाटादूड़ियां में जिस प्रकार दहशतगर्दों ने घात लगाकर हमला किया था, ठीक उसी प्रकार सावनी इलाके में भी हमला किया गया। घने जंगलों में आतंकी पहले से घात लगाकर सैन्य वाहनों के गुजरने का इंतजार कर रहे थे।जैसे ही वाहन तय स्थान पर पहुंचे तो पहले आतंकियों ने ग्रेनेड हमला किया ताकि जवानों को संभलने का मौका तक न मिल सके। इसके बाद वाहन को चारों ओर से घेरकर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। जिस प्रकार से वारदात को अंजाम दिया गया उससे दहशतगर्दों के खतरनाक इरादे का पता चलता है। वह किसी भी हालत में वाहन में सवार जवानों को छोड़ना नहीं चाहते थे।
पुंछ के घने जंगल आतंकियों के लिए बने मुफीद
पुंछ जिले में 729 में 187 स्क्वायर किलोमीटर में फैला घना जंगल आतंकियों के लिए मुफीद बनता जा रहा है। जिले में पिछले दो साल में हुए चार बड़े आतंकी हमलों में आतंकियों ने इसी जंगल की आड़ में अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दिया है।भाटादूड़ियां, सुरनकोट के चमरेड और पंगेई, चकां दा बाग और अब थानामंडी-सुरनकोट रोड में जिस स्थान पर आतंकी हमले हुए इनके आसपास घना जंगल है, जहां आतंकी घात लगाकर हमले कर रहे हैं।
20 अप्रैल 2023 के दिन भाटादूड़ियां इलाके में हुए आतंकी हमले में आतंकी पहले ही घने जंगल में छिपे थे। आतंकियों ने लंबे समय से इस जंगल में पनाह ले रखी थी। यह इलाका जिले के 187 स्क्वायर किलोमीटर जंगल में आता है। ऐसे में यहां आतंकी गतिविधि को ट्रैक करना काफी चुनौतीपूर्ण रहता है। इससे पहले 2021 में भाटादूड़ियां इलाके में हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने जंगल की आड़ में सैन्य जवानों पर हमला किया था। 11 अक्तूबर 2021 को एलओसी से सटे जिले की सुरनकोट तहसील के चमरेड़ के घने जंगल में आतंकियों ने घात लगाकर सैन्य जवानों पर हमला किया था, जिसमें चार जवान बलिदान हुए थे।
चमरेड और पंगेई का घना जंगल 700 वर्ग किलोमीटर में फैला है। पुंछ के चकां दा बाग में सात अगस्त 2013 को पाकिस्तानी सैनिकों ने आतंकियों के साथ मिलकर बैट हमला किया था। इसमें पांच जवान बलिदान हुए थे।
राजोरी, पुंछ और रियासी में आतंक पर वार, अब तक 28 मार गिराए
2023 में पुंछ, राजोरी और रियासी जिले कई बड़े आतंकी हमलों का गवाह बने। इस साल अब तक इन तीन जिलों में आतंक विरोधी अभियान में 28 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया, जबकि 19 सुरक्षाकर्मी बलिदान हुए हैं। राजोरी जिले में हुए आतंकी हमलों में 10 आतंकी मारे गए, जबकि 14 जवान बलिदान हुए हैं। पुंछ जिले में 15 आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया, जबकि पांच जवान भी बलिदान हुए हैं।
रियासी में तीन आतंकी मारे गए। इनमें से अधिकांश आतंकवादी सीमा के इस पार घुसने का प्रयास करते समय मारे गए हैं। सैन्य अधिकारी के अनुसार, अक्तूबर 2021 में जंगली इलाके में आतंकवादियों के दो अलग-अलग हमलों में नौ सैनिक बलिदान हुए थे। जबकि 11 अक्तूबर को चमरेड में एक जेसीओ सहित पांच सैन्यकर्मी शहीद हुए और 14 अक्तूबर को पास के जंगल में एक जेसीओ और तीन सैनिक बलिदान हुए थे।
पुंछ में घात लगाकर सैन्य वाहनों पर हमला
आपको बता दें कि पुंछ जिले के बफलियाज इलाके के सावनी क्षेत्र में वीरवार की शाम आतंकियों के घात लगाकर दो सैन्य वाहनों पर किए गए हमले में पांच जवान बलिदान हो गए, जबकि दो जवान घायल भी हुए हैं। दहशतगर्दों ने पहले ग्रेनेड दागे, फिर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। हमले के तत्काल बाद जवानों ने मोर्चा संभालते हुए मुंहतोड़ जवाब दिया। इससे मुठभेड़ जारी है। घटना राजोरी-थन्नामंडी-सुरनकोट रोड पर सावनी इलाके में शाम करीब 3.45 बजे की है। बताते हैं कि डेरा गली से बफलियाज की ओर से 48 राष्ट्रीय राइफल्स के दो वाहन आ रहे थे। इनमें एक जिप्सी तथा दूसरा ट्रक था। राजोरी-थन्नामंडी-सुरनकोट रोड पर सावनी इलाके में पहले से घात लगाए आतंकियों ने सैन्य वाहन देखते ही पहले ग्रेनेड दागा।
इससे दोनों वाहनों के रुकते ही आतंकियों ने चारों ओर से घेरकर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। आतंकियों की संख्या चार से छह बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि सैन्य वाहन से बफलियाज इलाके से जवानों को लाया जा रहा था जहां बुधवार रात से घेराबंदी एवं तलाशी अभियान चल रहा था। जम्मू में सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर बुधवार रात संयुक्त तलाशी अभियान चलाया गया था।
आतंकियों से वीरवार की शाम संपर्क स्थापित होने के बाद मुठभेड़ जारी है। अतिरिक्त पुलिस बल को मौके पर भेजा गया है। हमले के तत्काल बाद पूरे इलाके को सेना ने घेर लिया। अतिरिक्त बल ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया है। सूचना मिलते ही सेना तथा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। रात होने के बाद भी पूरे इलाके को घेर रखा गया है ताकि दहशतगर्द मौके से भाग न निकलें।