
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नागरपुर 03 मार्च 2023। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि भारत के पास पारंपरिक ज्ञान का विशाल भंडार है। कुछ स्वार्थी लोगों ने प्राचीन ग्रंथों में जानबूझ कर गलत तथ्य जोड़े हैं, जबकि कुछ ग्रंथ गुम हो गए हैं। उन्होंने कहा कि जो चीजें पहले छूट गई थीं, उन्हें नई शिक्षा नीति के तहत तैयार किए गए सिलेबस में जोड़ा गया है। भागवत ने यहां आर्यभट्ट खगोल उद्यान के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि सभी भारतीयों को देश के पारंपरिक ज्ञान के बारे में जानकारी होनी चाहिए कि उस ज्ञान को हमने कैसे लोगों से सामान्य संवाद और शिक्षा प्रणाली के जरिये प्राप्त किया था। संघ प्रमुख ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से भारत के पास चीजों को देखने का नजरिया वैज्ञानिक था, लेकिन विदेशी आक्रमण के साथ ही हमारा तंत्र और ज्ञान की संस्कृति खंडित हो गई। उन्होंने कहा कि यदि भारत के लोग मौजूदा दौर में भी स्वीकार्य अपने पारंपरिक ज्ञान के आधार का पता लगा लेते, तो दुनिया की कई समस्याओं का समाधान किया जा सकता था। एजेंसी
सभी तक ज्ञान की पहुंच हो
भागवत ने योग की जन्मस्थली होने का दावा करने वाले कुछ देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि बाहर की दुनिया ज्ञान पर अपना हक जताती है और उस पर मालिकाना हक हासिल करने के लिए पेटेंट भी दायर किया जा रहा है। भागवत ने कहा, विवेकशील व्यक्ति को ही ज्ञान दिया जाना चाहिए। ज्ञान की पहुंच सभी तक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि हमें कम से कम यह जानना चाहिए कि हमारी परंपराओं में क्या है।