इंडिया रिपोर्टर लाइव
इस्लामाबाद 18 अप्रैल 2023। पाकिस्तान में इंटर सर्विसेज़ इंटेलीजेंस (आईएसआई) और सैन्य खुफिया (एमआई) प्रमुखों ने उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल और दो अन्य शीर्ष न्यायाधीशों के साथ बैठक कर उन्हें पाकिस्तान के समक्ष मौजूद सुरक्षा चुनौतियों के बारे में जानकारी दी। राजनीतिक रूप से अहम पंजाब प्रांत में मध्यावधि चुनाव कराने को लेकर सरकार और शीर्ष अदालत के बीच टकराव के मध्य तीन घंटे तक यह बैठक चली। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार ने मंगलवार को खबर दी कि प्रधान न्यायाधीश के कक्ष में सोमवार को यह बैठक हुई है।
खबर के मुताबिक, आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम और एमआई अध्यक्ष मेजर जनरल वाजिद अज़ीज़ ने मुल्क के सामने मौजूद सुरक्षा चिंताओं के बारे में प्रधान न्यायाधीश बंदियाल को जानकारी दी। प्रधान न्यायाधीश बंदियाल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्य पीठ ने पंजाब विधानसभा के लिए चुनाव टालने के पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के फैसल को चार अप्रैल को ‘असंवैधानिक’ करार दिया था और उसे 14 मई को प्रांत में चुनाव कराने का आदेश दिया था। पीठ में न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर और न्यायमूर्ति एजाज़-उल-अहसान भी शामिल थे। ईसीपी ने देश में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति का हवाला देते हुए प्रांतीय विधानसभा चुनाव 22 मार्च को पांच महीने से ज्यादा वक्त के लिए टाल दिए थे।
पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा है। इसी पीठ ने 14 अप्रैल को ‘स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान’ को पंजाब और खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में चुनाव कराने के लिए ईसीपी को 21 अरब रुपये जारी करने और 17 अप्रैल तक वित्त मंत्रालय को इस बाबत “उचित पत्र” भेजने का आदेश दिया था। पहले की सुनवाई में, रक्षा सचिव व पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल हमूद उज़ ज़मां ने पीठ से सुरक्षा मुद्दों पर बंद कमरे में जानकारी लेने का आग्रह किया था। मगर पीठ ने उनसे पहले गुप्त रिपोर्ट दायर करने को कहा था। एक वकील ने अखबार को बताया, “ ऐसा लगता है कि इन अधिकारियों ने न्यायाधीशों के साथ सीधे ये कारण साझा किए हैं कि क्यों 14 मई को सेना के जवानों को सुरक्षा ड्यूटी के लिए उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है।” शीर्ष अदालत के निर्देश के मुताबिक, ईसीपी को सुरक्षा योजना के बारे में सूचित करने की आखिरी तारीख 17 अप्रैल थी।