
इंडिया रिपोर्टर लाइव
भोपाल 24 अक्टूबर 2021। मध्यप्रदेश में अगले सप्ताह होने वाले उपचुनावों से पहले सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी कांग्रेस के बीच शनिवार को किसान कल्याण के मुद्दे को लेकर वाकयुद्ध शुरू हो गया। यह वाकयुद्ध उस समय शुरू हुआ जब प्रदेश सरकार ने घोषणा की कि उसने किसानों के खातों में 1,540 करोड़ रुपये जमा कराए हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने रैलियों के दौरान दावा किया कि ‘इससे पहले, लाखों किसानों को अपात्र घोषित कर वसूली के नोटिस दिए गए थे। अधिकारी प्रतिदिन ऐसे किसानों को वसूली के लिए धमका रहे हैं, गरीब किसान कर्ज लेकर, गहने गिरवी रखकर राशि वापस कर रहे हैं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार केवल उपचुनावों के कारण किसानों के खाते में पैसे डाल रही है। उन्होंने कहा, ‘जैसे ही चुनाव खत्म होगें किसानों को पैसे की वसूली के लिए नोटिस भेजा जाएगा… यह किसान की सम्मान निधि किसान अपमान निधि बन गई है।’ कमलनाथ ने दावा किया कि भाजपा सरकार ने स्वीकार किया था कि मुख्यमंत्री के रुप में उनके (कमलनाथ) 15 महीने के कार्यकाल के दौरान 27 लाख किसानों के फसल ऋण माफ किए गए थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खंडवा लोकसभा क्षेत्र में जनसभाओं में घोषणा की कि उन्होंने 77 लाख किसाना परिवारों के खातों में 1,540 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए हैं। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस को दर्द होता है क्योंकि हमने किसानों के खातों में पैसा जमा कराया है।’ उन्होंने कांग्रेस पर पूर्व में कृषि ऋण माफी के वादे पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘केंद्र जहां किसानों को तीन किश्तों में सालाना छह हजार रुपये प्रदान करता है वहीं राज्य सरकार उन्हें दो किश्तों में चार हजार रुपए प्रदान करती है।’ मध्य प्रदेश में उपचुनाव के लिए शनिवार को प्रचार तेज हो गया है। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती के अलावा भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी जनसभाओं को संबोधित किया। मध्यप्रदेश में उपचुनाव के तहत खंडवा लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों पृथ्वीपुर, रैगांव और जोबट में 30 अक्तूबर को मतदान होगा।