इंडिया रिपोर्टर लाइव
डरोह 07 मई 2023। तहसील धीरा के अंतर्गत गांव चटियाला (सूरी) के शहीद जवान अरविंद चौधरी (32) का पार्थिव शरीर रविवार सुबह 8 बजे उनके गृहग्राम पहुंचा। जहां अंतिम दर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में इलाके के लोग, अधिकारी और सेना के जवान मौजूद रहे। इसके बाद गृहग्राम चटियाला के साथ लगते मुक्तिधाम के लिए पार्थिव शरीर को रवाना किया गया, जहां रास्तेभर लोगों ने भारत माता के इस सपूत के बलिदान की जय-जयकार की। सेना के जवानों द्वारा राजकीय सम्मान के साथ शहीद जवान को सलामी देकर अंतिम संस्कार किया । गौरतलब है कि शहीद अरविंद 9 पैरा रेजीमेंट में कुपवाड़ा में तैनात थे और आतंकवादियों के विरुद्ध एक बड़े सर्च आपरेशन के लिये राजौरी सेक्टर अपने सभी सुरक्षावल साथियों के साथ गये हुये थे, जहां बीते शुक्रवार को आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गये थे। अरविंद के निधन की खबर से क्षेत्र मे शोक की लहर है।
भाई ने बताया- अरविंद के अंदर बचपन से था देशभक्ति का जज्बा
शहीद जवान अरविंद के बड़े भाई महिंदर कुमार मेहनत मजदूरी करते हैं उन्होने बताया कि हम तीन भाई बहन है अरविंद सबसे छोटा है और बहन की शादी हो चुकी है। देश भक्ति का जज्बा अरविंद मे बचपन से ही था, सेना मे भर्ती होने के लिये उसने खूब मेहनत की थी। देशभक्ति उसमें कूट-कूटकर भरी हुई थी इसलिए अरविंद ने सेना में जाने का फैसला किया था। घर की गरीबी को कभी बाधा नहीं बनने दिया और अपनी मेहनत और लगन से सेना में नौकरी पाई थी। जल्दी ही उसकी परमोशन होने वाली थी लेकिन उसके पहले उसकी शहादत की खबर आ गयी। भूपेन्द्र ने कहा कि मातृभूमि के लिए शहीद हो जाना एक सैनिक और उसके परिवार के लिए गर्व की बात है।
अरविंद तेरा नाम रहेगा… नारों से गूंज उठा इलाका
शहीद हुए सेना के जवान अरविंद का पार्थिव देह जब उनके उनके गांव चटियाला( सूरी ) पहुंचा तो अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। “जब तक सूरज चांद रहेगा अरविंद तेरा नाम रहेगा ..” के नारे तथा भारत मां के जयकारों से इलाका गूंज उठा। तिरंगे मे लिपटे शहीद जवान को देख लोगों की आंखें नम हो गई तथा परिजनों की चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया।
पत्नी और परिवार के सब्र का बांध टूटा
जैसे ही शहीद अरविंद का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा तो अब तक किसी तरह खुद को संभाल रहीं पत्नी बिन्दु देवी के सब्र का बांध टूट गया और जीवन साथी के बिछडऩे का गम आंशुओं के रूप में बह निकला। अरविंद की दोनों छोटी बेटियाँ सानमीता और शानविका जो इस घटना से अन जान थी माँ को रोते देख खुद को रोक नहीं पाई और फफक फफक रो पड़ीं। देव भूमि के लाल और अपने लाडले, बेटे, भाई को अंतिम बार देखने के लिए समूचे परिवार और रिश्तेदारों के साथ आसपास के गांवों से भी सैकड़ों लोग शहीद के गांव चटियाला में पहुंचे थे। हर किसी की आंखों में आसू और सीने में अरविंद की शहादत पर गर्व के भाव थे।
बुजुर्ग माता पिता चल रहे हैं बीमार
एक तरफ बीमारी ने और दूसरी तरफ जवान बेटे की मौत ने अरविंद के बुजुर्ग माता पिता को और अधिक दुखी कर दिया है। बताया जा रहा है की अरविंद के पिता उज्वल सिंह पिछले कुछ समय से मानसिक रूप से बीमार चल रहे हैं वहीं माता निर्मला देवी भी पेट दर्द की बीमारी से जूझ रही हैं। एसे मे अब अरविंद के बड़े भाई भूपेन्द्र कुमार पर पूरे परिवार की जीमेदारी पड़ गयी।