इंडिया रिपोर्टर लाइव
भोपाल 18 मई 2022। सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण देने को मंजूरी दे दी है। साथ ही सात दिन में सरकार को आरक्षण करने के निर्देश दिए हैं। यह भी कहा कि प्रदेश में कुल आरक्षण 50% से अधिक नहीं होना चाहिए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को ट्रिपल टेस्ट की आधी-अधूरी रिपोर्ट के आधार पर बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर संशोधन याचिका दाखिल की थी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर सरकार ने मोडिफिकेशन ऑफ ऑर्डर आवेदन सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था, जिस पर ने 17 मई को सुनवाई की। मध्य प्रदेश सरकार के नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में लगभग दो घंटे तक सरकार की तरफ से पक्ष रखा। सरकार ने मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी की निकायवार जानकारी कोर्ट के सामने रखी। सरकार ने अपना पक्ष मजबूती के साथ रखा है। इसके बाद कोर्ट ने सरकार की ओर से पेश तथ्यों को देखा। इसके बाद बुधवार को सरकार के पक्ष में चुनाव में ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने के साथ फैसला सुनाया।
ऐसे मिलेगा आरक्षण
सुप्रीम कोर्ट जाने वाले कांग्रेस नेता सैयद जाफर ने बताया कि अब प्रदेश में ओबीसी को एक समान आरक्षण नहीं मिलेगा। जनपद पंचायत अनुसार आरक्षण तय किया जाएगा। जिसके अनुसार यदि किसी जनपद पंचायत में अनुसूचित जनजाति वर्ग के जनंसख्या 30% और जनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या 25% है तो ओबीसी को कोई आरक्षण नहीं मिलेगा। वहीं, यदि किसी जनपद पंचायत में अनुसूचित जनजाति वर्ग के जनंसख्या 30% और अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या 15% है तो ओबीसी को 5% आरक्षण मिलेगा। वहीं, यदि जनपद पंचायत में अनुसूचित जनजाति वर्ग और अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या 5%-5% है। यानी ओबीसी की जनंसख्या 40% है। ऐसी स्थिति में ओबीसी वर्ग को 35% से अधिक आरक्षण नहीं मिलेगा।
कोर्ट के आदेश के बाद हो रही थी सियासत
सुप्रीम कोर्ट के बिना आरक्षण के चुनाव कराने आदेश के बाद बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ओबीसी आरक्षण खत्म करने का आरोप एक-दूसरे पर लगाना शुरू कर दिया। दोनों ही राजनीतिक दलों ने बिना आरक्षण के चुनाव होने पर ओबीसी वर्ग को साधने के लिए 27 प्रतिशत टिकट ओबीसी नेताओं को देने का ऐलान किया था। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव कराने की तैयारी तेज कर दी थी। आयोग ने दोनों ही चुनाव जून माह में करा लेने का ऐलान किया है। 24 मई तक चुनाव की अधिसूचना जारी करने की बात कही है। हालांकि अब जानकारों का कहना है कि जनपद पंचायत अनुसार आरक्षण की तैयारी करने को लेकर चुनाव में थोड़ा समय लग सकता है।