इंडिया रिपोर्टर लाइव
जयपुर 25 मई 2023। राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच चल रही खींचतान और विवाद को निपटाने के लिए कांग्रेस पार्टी अब तैयारी के साथ जुट गई है। 26 मई को दोपहर बाद अहम बैठक एआईसीसी मुख्यालय पर बुलाई गई है। सीएम अशोक गहलोत दोपहर 1:45 बजे नई दिल्ली पहुंचेंगे। दोपहर बाद बैठक में शामिल होंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और तीनों सह प्रभारी भी मौजूद रहेंगे। सचिन पायलट को भी बैठक में बुलाया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह भी एआईसीसी से इस पूरे मामले पर कॉर्डिनेट कर रहे हैं। कुछ मंत्रियों की परफॉर्मेंस भी कांग्रेस हाईकमान ने मांगी है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में होने वाली बैठक आने वाले दिनों में बड़े घटनाक्रम के संकेत दे रही है। बैठक में रघु शर्मा, हरीश चौधरी, कुलदीप इंदौरा, भंवर जितेंद्र सिंह और रघुवीर मीणा जैसे नेताओं को भी बुलाया गया है। पहले प्रभारी रंधावा की अध्यक्षता में बैठक होगी। उसके बाद हाईकमान के साथ कुछ नेताओं की वन टू वन मीटिंग हो सकती है। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस पार्टी की हर संभव कोशिश है कि पहले सचिन पायलट को संतुष्ट कर शांत किया जाए, ताकि पार्टी को चुनाव से पहले नुकसान न हो। यदि पायलट नहीं मानते हैं और अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन करते हैं तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। पायलट को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
बैठक से पहले कई रिपोर्ट पहुंची दिल्ली…
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस की मीटिंग से पहले पार्टी संगठन, सरकार, मंत्री, विधायकों के बयान और भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर कई तरह की रिपोर्ट कांग्रेस हाईकमान के पास पहुंची हैं। इनमें कई नेताओं, मंत्रियों की ओर से अपनी सरकार के खिलाफ दिए गए बयानों और आरोपों के वीडियो और लिखित वर्जन भी शामिल हैं। हाईकमान ने पूछा है कि इन बयानों की वजह क्या रही होंगी, इस पर भी मीटिंग में बात होनी चाहिए।
सचिन पायलट का अल्टीमेटम 31 मई को होने जा रहा पूरा…
पिछले दिनों अजमेर आरपीएससी से लेकर जयपुर तक जन संघर्ष यात्रा निकालने के बाद जयपुर के भांकरोटा में हुई बड़ी जनसभा में सचिन पायलट ने सीएम गहलोत से तीन मांगें रखते हुए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था, जिसकी मियाद इस महीने के अंत में पूरी होने जा रही है। 31 मई तक गहलोत सरकार पर पायलट की मांगों पर एक्शन लेने का दबाव है। साथ ही सभा में ही पायलट और उनके खेमे के कांग्रेस विधायकों ने एलान कर दिया था कि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो हम प्रदेश भर में गांव-ढाणी तक जाकर आंदोलन करेंगे। पायलट के विधायकों ने स्पष्ट कर दिया था कि अब याचना नहीं रण होगा।
पायलट की मांगों को कांग्रेस नेताओं ने बताया नाजायज, चांद खिलौना कैसे लाकर देगी गहलोत सरकार?
डिप्टी सीएम सचिन पायलट की मांगों को कांग्रेस सरकार और संगठन के नेताओं ने ही नाजायज और राजनीतिक ठहरा दिया है। कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि पायलट की मांगें ठीक उसी तरह हैं, जैसे बच्चा ज़िद्द करते हुए कहता है मुझे चांद खिलौना चाहिए। अब उसे कैसे चांद खिलौना आसमान से तोड़कर लाकर दें। प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी कहा कि पिछली वसुंधरा राजे सरकार के भ्रष्टाचार मामले में सचिन पायलट ने न तो कोई सबूत दिए हैं और न ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी की बैठक में अब तक इस मामले को उठाया है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर लगे संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले के मामले की मांग भी सचिन पायलट ने नहीं उठाई है, उस पर भी बोलना चाहिए था।