इंडिया रिपोर्टर लाइव
इंफाल 05 जून 2023। मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र ने एक जांच टीम का गठन किया है। इसके बाद दोबारा रविवार को मणिपुर में हिंसा भड़क गई। रविवार को काकचिंग जिले के सुगनू इलाके में गोलीबारी शुरू हो गई। इलाके में आगजनी भी हुई। बता दें, गुवाहाटी हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस जांच टीम का नेतृत्व करेंगे। सुगनू इलाके के रहने वाले नानाओ ने बताया कि रविवार को हुई गोलीबारी 28 मई के मुकाबले काफी ज्यादा संगीन थी। नानाओ का कहना है कि सैरू में एक कांग्रेस विधायक के घर को भी आग के हवाले कर दिया गया था। हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। सुगनू की एक महिला चेंथोई का कहना है कि जब बाकी राज्य जल रहा था, तब सुगनू एक ऐसा इलाका था, जहां मैतई और कुकी दोनों शांति से रह रहे थे। लेकिन 28 मई को कुकी उग्रवादियों ने गांव पर हमला कर दिया था। पुलिस के अनुसार, हिंसा शुरू होने से अब तक कुल सात लाशों को बरामद किया गया है। जबकि, रहवासियों का कहना है कि आठ लोगों की मौत हुई है, दोनों पक्षों के चार-चार लोगों ने हिंसा में जान गंवाई है। महीने भर से अधिक जारी हिंसा में कुल 98 लोगों की मौतों हो चुकी है। वहीं, दो जून को इंफाल पश्चिम जिले के फायेंग गांव में एक व्यक्ति की मौत और एक घायल हो गया था। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि इंफाल के फाएंग और सेंजाम-चिरांग इलाके में भी रविवार को गोलीबारी हुई थी।
छह महीने में सौंपनी होगी रिपोर्ट
हिंसा की जांच के लिए केंद्र सरकार ने एक तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया है। दल में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हिमांशु शेखर दास और रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी प्रभाकर अलोका शामिल है। गुवाहाटी हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अजय लांबा जांच दल का नेतृत्व करेंगे। केंद्र ने दल की पहली बैठक के बाद अधिकतम छह माह में जांच रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, हिंसा के कारण और कैसे हिंसा पूरे राज्य में फैली इसकी जानकारी जांच रिपोर्ट में शामिल करने के लिए कहा है।
अब जानिए, किन अधिकारियों को मिली जिम्मेदारी
जस्टिस लांबा पहले एक पब्लिक प्रोसिक्यूटर थे, जिन्हें 2006 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का जज नियुक्त कर दिया गया था। इसके बाद उन्हें 2011 में उनका तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट में किया गया था। यहां से उन्हें 2019 में गुवाहाटी हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त कर असम भेजा गया था। पूर्व आईएएस अधिकारी दास असम-मेघालय कैडर के 1982 बैच के अधिकारी हैं, जो 13 साल तक अमस के वित्त सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। साथ ही वह मुख्य सूचना आयुक्त भी रह चुके हैं। पूर्व आईपीएस अधिकारी अलोका 1986 बैच के तेलंगाना कैडर के अधिकारी हैं। तीन दशकों तक खुफिया विभाग के साथ वह मणिपुर में काम कर चुके हैं। अलोका को काउंटर टेरर, काउंटर इनसर्जेंसी, एंटी नक्सल थ्रेट्स में महारत हासिल है।